आइटी वर्ल्ड में इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो एक ऑप्शन हार्डवेयर-नेटवर्किग का भी है। इस शॉर्ट-टर्म कोर्स को पूरा करके जॉब भी पा सकते हैं या फिर खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं..
नई टेक्नोलॉजी की वजह से दुनियाभर में हार्डवेयर प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ी है। अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, तो हार्डवेयर- नेटवर्किंग से जुड़े चिप लेवल के एडवांस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। अच्छी बात यह है कि हार्डवेयर-नेटवर्किंग से जुड़ा यह कोर्स आप 10वीं-12वीं के बाद भी कर सकते हैं। हालांकि इस कोर्स की इंपॉर्टेस को देखते हुए इसे बीटेक डिग्रीधारी अपनी स्किल बढ़ाने के लिए भी यह कोर्स कर रहे हैं। यह कोर्स आप दिल्ली-एनसीआर से भी कर सकते हैं और अपने शहर में स्थित किसी प्रामाणिक संस्थान से भी, जहां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर ज्यादा जोर दिया जाता हो।
डिमांडिंग कोर्स
आज छोटे से लेकर बड़े कॉरपोरेट ऑफिसेज तक में हर काम कंप्यूटर्स के जरिए ही हो रहा है। नेटवर्किग के जरिए इन कंप्यूटर्स को एक-दूसरे से जोड़ा जाता है, ताकि इनके डाटा को आपस में शेयर किया जा सके। हार्डवेयर के तहत कंप्यूटर्स के पार्ट्स की देखभाल की जाती है। इसमें उनकी रिपेयरिंग या खराब पार्ट्स को बदलना शामिल होता है। यह काम हार्डवेयर इंजीनियर करता है। कई बार नेटवर्किग का काम भी वही करता है। कंप्यूटर्स पर निर्भरता को देखते हुए आज हर छोटे-बड़े ऑफिस में हार्डवेयर-नेटवर्किग इंजीनियर्स की खूब डिमांड होती है। तकनीक में इंट्रेस्ट रखने वाला बारहवीं पास स्टूडेंट भी इस काम को आसानी से सीखकर अपने लिए करियर की राह आसान बना सकता है। वैसे इसके तहत कई तरह के कोर्स संचालित हैं। इन कोर्सेज को वर्ल्ड लेवल के सर्टिफिकेशन, जैसे-सीसीएनए, सीसीएनपी या सीसीआइइ दिए जाते हैं। इस सर्टिफिकेशन के साथ एमएनसी में भी जॉब हासिल की जा सकती है। ट्रेनिंग संस्थानों में सर्टिफिकेशन के साथ और बिना सर्टिफिकेशन के डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स भी कराए जाते हैं। डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स के आधार पर छोटी कंपनियों में नौकरी पाई जा सकती है।
हार्डवेयर : नेचर ऑफ वर्क
हार्डवेयर के तहत कंप्यूटर के पार्ट्स, जैसे-सीडी रैम, हार्ड डिस्क, मदर बोर्ड, मॉनिटर, सीपीयू जब खराब हो जाएं, तो उन्हें बदलने, नया कंप्यूटर असेंबल करने, उनकी रिपेयरिंग, सर्विसिंग आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। आमतौर पर इस इंटीग्रेटेड कोर्स की अवधि डेढ़ से दो साल की होती है। इन कोर्सेज पर 65 हजार से एक लाख रुपये तक की लागत आती है। न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में 12वीं पास है।
नेटवर्किग : एक क्लिक पर दुनिया
कंप्यूटर के संदर्भ में नेटवर्किंग का मतलब है, दो या दो से अधिक कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ना। इसके तहत, कंप्यूटर नेटवर्किंग लैन, मैन, वैन, वाइ-फाइ, सीसीएनए आदि की स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग दी जाती है। नेटवर्किंग से रिलेटेड कोर्स के लिए जरूरी योग्यता 10 वीं या 12वीं है। इस कोर्स की फीस लगभग 25 हजार रुपये के आस-पास है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद शुरुआत में 12 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं।
सीसीएनए
नेटवर्किंग फील्ड में अपना फ्यूचर बनाना चाहते हैं, तो 10 से 15 हजार रुपये में एक साल का सीसीएनए यानी सिस्को सर्टिफाइड नेटवर्क एसोसिएट कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स में नेटवर्क कंफिगरेशन और वेरिफिकेशन के बारे में बताया जाता है। सिस्को सर्टिफिकेशन के लिए एग्जाम ऑनलाइन कराए जाते हैं। इस कोर्स को आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। यह कोर्स 94 घंटों का है।
माइक्रोसॉफ्ट, एचसीएल जैसी कंपनियों के साथ-साथ इस कोर्स की टीचिंग में भी बहुत डिमांड है। अगर आप नेटवर्रि्कग में बड़ा नाम कमाना चाहते हैं, तो सीसीएनए के बाद सीसीइएनटी (योग्यता : ग्रेजुएशन), सीसीएनपी (योग्यता : सीसीएनए में डिप्लोमा या ग्रेजुएशन) या सीसीआइइ (योग्यता : 3 से 5 साल नेटवर्रि्कग का एक्सपीरियंस) जैसे कोर्स कर अपना फ्यूचर बना सकते हैं।
एमसीएसइ
एमसीएसइ यानी माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड सिस्टम इंजीनियर। यह कोर्स मल्टीनेशनल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा कराया जाता है। यह सर्टिफिकेट कोर्स है। इस कोर्स के लिए जरूरी योग्यता 12वीं
पास है। कोर्स की फीस करीब 20 हजार रुपये है। कोर्स की अवधि 5 से 6 महीने है। कोर्स कंप्लीट करने के बाद सिस्टम इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर, सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग
आज शहर से लेकर गांवों-कस्बों तक तकरीबन हर हाथ में मोबाइल है। मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल ने इनके इंजीनियर्स के लिए भी डिमांड बढ़ा दी है। 10वीं या 12वीं पास स्टूडेंट्स मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स कर सकते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा इन मोबाइल रिपेयरिंग ऐंड मेंटिनेंस और डिप्लोमा इन मोबाइल फोन रिपेयरिंग कोर्स प्रमुख हैं। मोबाइल कोर्स कम से कम 15 हजार में किया जा सकता है। नोटबुक, टैब, स्मार्टफोन और आइफोन रिपेयरिंग कोर्स के लिए अलग से 10 से 20 हजार रुपये देना होता है।
लैपटॉप रिपेयरिंग
लैपटॉप के बढ़ते यूज को देखते हुए इसकी रिपेयरिंग का काम भी बेहद डिमांडिंग है। 10वीं या 12वीं के बाद यह कोर्स करके लैपटॉप तकनीशियन के रूप में अपना काम किया जा सकता है।
कोर्सेज
-डिप्लोमा इन नेटवर्क टेक्नोलॉजी ऐंड डेटाबेस
एडमिनिस्ट्रेशन
-एडवांस डिप्लोमा इन नेटवर्क टेक्नोलॉजी ऐंड
सिक्योरिटी एक्सपर्ट
-डिप्लोमा इन मोबाइल रिपेयरिंग ऐंड मेंटिनेंस
-डिप्लोमा इन मोबाइल फोन रिपेयरिंग
-बेसिक मोबाइल फोन ऐंड चिप लेवल ट्रेनिंग
-बेसिक ऑफ मोबाइल कम्युनिकेशन
खुद के काम में मिला सुकून
मैंने दिल्ली में मोबाइल रिपेयरिंग में सर्टिफिकेट कोर्स करने के साथ ही डिप्लोमा इन हार्डवेयर ऐंड नेटवर्किंग कोर्स भी किया था। कोर्स के बाद सैमसंग में 15 हजार रुपये प्रतिमाह का ऑफर था। मैंने बिजनेस स्टार्ट करना बेहतर समझा। 8 महीने के बाद अब मुझे हर माह 40 से 50 हजार रुपये की कमाई हो रही है। नौकरी करने की बजाय अपना काम करने में मुझे बेहद सुकून मिल रहा है।
निखारें स्किल
दुनिया के साथ-साथ अपने देश में जिस तरह कंप्यूटर्स पर निर्भरता बढ़ी है, उसे देखते हुए हार्डवेयर और नेटवर्किग एक्सपर्ट्स की डिमांड भी लगातार बनी रहती है। जो भी इस फील्ड में आना चाहता है, वह कोर्स किसी प्रामाणिक संस्थान से ही करे। जहां मार्केट की रिक्वॉयरमेंट के मुताबिक एडवांस प्रैक्टिकल कोर्स की सुविधा उपलब्ध हो। मेहनत से ट्रेनिंग लेकर अपनी स्किल निखारेंगे, तो जॉब पाने में आसानी होगी।
इंस्टीट्यूट वॉच
-सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग
www.cdac.in
-एनआइआइटी
22.niiteducation.com
-एपटेक कंप्यूटर एजुकेशन
www.aptech-education.com
-आरजीसीएसएम कम्युनिटी कॉलेज, नई दिल्ली
www.rgcsm.info
-जेट किंग
www.jetkinginfotrain.com
-ए-सेट ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीटयूट, नई दिल्ली
www.a-set.org
हार्डवेयर ऐंड नेटवर्किग में करियर
आइटी वर्ल्ड में इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो एक ऑप्शन हार्डवेयर-नेटवर्किग का भी है.
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