इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में अध्ययन के विकल्प

अब इंडियन स्टूडेंट्स अपनी इच्छा और जरुरत के अनुसार स्टडी के लिए विदेशों में कई विश्व-प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ में अप्लाई कर सकते हैं.

Gaurav Macwan
Mar 2, 2021, 13:32 IST
Different Countries through Study Abroad
Different Countries through Study Abroad

अब इंडियन स्टूडेंट्स अपनी इच्छा और जरुरत के अनुसार स्टडी के लिए विदेशों में कई विश्व-प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ में अप्लाई कर सकते हैं. इन दिनों इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में अध्ययन के ढेरों विकल्प उपलब्ध हैं.

अगर आप एक ऐसे स्टूडेंट हैं जो किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से अपनी हायर एकेडमिक डिग्रीज़ हासिल करना चाहते हैं तो इन दिनों आपके लिए दुनिया-भर के अनेक देशों के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में कई कोर्सेज उपलब्ध हैं. कई इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी तो फॉरेन स्टूडेंट्स के तौर पर इंडियन स्टूडेंट्स को एडमिशन देना ज्यादा पसंद करते हैं तथा कुछ मानदंडों के आधार पर इंडियन स्टूडेंट्स को रियायत भी दी जाती है. हमारे देश में एकेडमी और जॉब मार्किट में टफ कॉम्पीटिशन के कारण भारत में अधिकतर टैलेंटेड स्टूडेंट्स अपनी हायर स्टडीज के लिए किसी अच्छे फॉरेन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना चाहते हैं. दुनिया भर की यूनिवर्सिटी इंडियन स्टूडेंट्स के टैलेंट और सक्रियता की सराहना करते हैं और चाहते हैं कि इंडियन स्टूडेंट्स उनके कैम्पस में एडमिशन लें. भारत में फॉरेन डिग्री होल्डर्स को बेहतरीन जॉब ऑफर्स मिलते हैं. किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने वाले इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में भी आकर्षक करियर ऑप्शन्स उपलब्ध होते हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में हम इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में उपलब्ध अध्ययन विकल्पों के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

इंडियन स्टूडेंट्स को मिलते हैं विदेश में अध्ययन के कई लाभ

एडमिशन प्रोसेस है आसान

भारत के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है, चाहे वह एमबीए के लिए आईआईएम या इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी हो. इसके विपरीत, बेहतर शैक्षिक पृष्ठभूमि और स्थिर वित्तीय सहायता वाले छात्रों को विदेशी यूनिवर्सिटी में बहुत महत्व दिया जाता है. वैसे प्रमुख विदेशी कॉलेजों या यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया भी कठिन है लेकिन वहां भारत जैसी भयंकर प्रतिस्पर्धा नहीं है.

स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध हैं अधिकतम विकल्प

विदेशों में अध्ययन करने की पसंद के पीछे वहां अधिकतम विकल्पों की उपलब्धता

यानी कि विभिन्न पाठ्यक्रमों और करियर विकल्पों की उपलब्धता है. मेन स्ट्रीम के लोकप्रिय विकल्पों (एसटीईएम पाठ्यक्रम – साइंस , टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) के अलावा, भारत में प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध पाठ्यक्रम सीमित हैं.यह अक्सर छात्रों को विदेशी यूनिवर्सिटी की तरफ रुख करने के लिए मजबूर करता है. विदेशों के कुछ इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी विशिष्ट या कम लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में भी क्वालिटी एजुकेशन प्रोग्राम कराते हैं.

एजुकेशन क्वालिटी

भारत के टॉप कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक मानदंडो का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है. वैसे भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार हो रही है और अब ये भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक मानदंडो को पूरा करने के लिए प्रयास रत हैं. यहाँ प्रैक्टिकल और थियरेटिकल स्टडीज के बीच अभी भी बहुत अन्तर है और थियरी पर विशेष जोर दिया जाता है जबकि दूसरी तरफ, विदेशी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों ने केस स्टडीज और अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से अधिक इंटरैक्टिव और पार्टीसिपेटिंग मेथडोलॉजी को अपनाया है. इससे छात्रों का समुचित विकास होता है तथा अध्ययन में उनकी रूचि भी बढ़ती है.

रिसर्च स्टूडेंट्स को मिलती हैं बेहतरीन सुविधायें और अवसर

जब अनुसंधान के अवसरों की बात आती है, तो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान इस मामले में अपने विदेशी समकक्षों से काफी पीछे हैं. भारत में डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए

वित्तीय सहायता और संसाधनों की अभी भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. अभी भी अधिकांश छात्र इच्छा और प्रतिभा के बावजूद भी आर्थिक सहायता नहीं मिलने के कारण रिसर्च (अनुसंधान) कार्य नहीं कर पाते हैं. भारतीय विश्वविद्यालय की तुलना में

विदेशी विश्वविद्यालय अनुसंधान सुविधाओं के विकास हेतु एक बड़ी राशि प्राप्त करते हैं तथा उसमें निवेश करते हैं जिससे छात्रों को पर्याप्त आर्थिक मदद मिलती है और वे अपना अनुसंधान कार्य पूरा कर पाते हैं.

जॉब और करियर की आशाजनक संभावनाएं

एक विदेशी कॉलेज या विश्वविद्यालय से प्राप्त डिग्री किसी उम्मीदवार के रेज्यूमे को ज्यादा प्रभावशाली बनाती है. अगर सामन्य तौर पर सीधे सीधे कहा जाय तो जिन छात्रों के पास विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री होती है उन्हें जॉब के अवसर और अच्छा सैलेरी पैकेज मिलने की संभावना किसी भारतीय यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट से डिग्री प्राप्त किये स्टूडेंट्स के वनिस्पत ज्यादा होती है.

प्रवास की सुविधा

विदेशी यूनिवर्सिटी से अध्ययन करने के बाद विदेशों में प्रवास की सुविधा मिलने के कारण अधिकांश भारतीय स्टूडेंट्स विदेशों में अध्ययन का विकल्प तलाशते हैं ताकि उन्हें आगे चलकर वहां प्रावस करने की सुविधा बिना किसी परेशानी के मिल सके.विशेष रूप से ग्रेजुएशन लेवल के छात्र जो विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने का विकल्प चुनते हैं,अक्सर जिस देश में अध्ययन करते हैं वहीं आगे जॉब भी करना चाहते हैं.अमेरिका और कनाडा जैसे कई देशों में तो अध्ययन के पूरा होने पर रोजगार तलाशने के लिए वहां अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए बहुत अनुकूल आप्रवासन नीतियां हैं.

इन देशों में इंडियन स्टूडेंट्स को मिलती हैं सर्वाधिक सुविधायें

चूंकि भारत के अधिक से अधिक छात्र उच्च अध्ययन (हायर स्टडीज)के लिए विदेश की तरफ रुख करना चाहते हैं. इसलिए आजकल भारतीय छात्रों के लिए विदेशों में सबसे पसंदीदा अध्ययन स्थल की सूची में कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है.

परंपरागत रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश पिछले दशक से इस सूची में शीर्ष पर हैं लेकिन इनके अतिरिक्त अन्य देश भी इस सूची में शामिल हो गए हैं.

अमेरीका

संयुक्त राज्य अमेरिका या यूएसए सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विदेशों में अध्ययन स्थल की सूची में सबसे ऊपर है और भारतीय छात्रों की भी पहली पसंद अमेरीका ही है.हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, प्रिंसटन और एमआईटी जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा को आकर्षित करने वाले आइवी लीग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कारण अमेरिका निश्चित रूप से विदेशों में सबसे पसंदीदा अध्ययन स्थल है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज
  • इंजीनियरिंग
  • मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस
  • सोशल साइंस
  • फिजिकल और लाइफ साइंस

कनाडा

कनाडा इस सूची में हाल ही में प्रवेश करने वालों देशों में से एक है और भारतीयों के लिए विदेशों में दूसरे सबसे पसंदीदा अध्ययन स्थल के रूप में उभरा है. यहाँ की शिक्षा की गुणवत्ता, किफायती लागत और सुरक्षित और बहुसांस्कृतिक वातावरण इसके प्रमुख कारक हैं जो भारतीय छात्रों के लिए एक विदेशी शिक्षा केंद्र के रूप में कनाडा की लोकप्रियता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

कनाडा में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज
  • कंप्यूटर साइंस
  • मेडिकल / लाइफ साइंस
  • हॉस्पिटालिटी / होटल मैनेजमेंट
  • लिबरल आर्ट्स

जर्मनी

परंपरागत रूप से यूरोप में  यूनाइटेड किंगडम या ब्रिटेन विदेशों में सबसे पसंदीदा अध्ययन स्थल के रूप में प्रसिद्द हैं लेकिन हाल ही जर्मनी ने इसका स्थान ले लिया है.

गुणवत्तापूर्ण  और किफायती शिक्षा के कारण जर्मनी लगातार भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा विदेशी स्थलों की सूची में पहली पसंद बनता जा रहा है.

जर्मन विश्वविद्यालयों में स्टडी के लिए फी नाममात्र है तथा यहाँ ट्यूशन फी नहीं लगता है. साथ ही यहाँ के यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं. यही मुख्य वजह है कि  यह भारतीयों के लिए विदेशों में सबसे अच्छे अध्ययन स्थलों में से एक है.

जर्मनी में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • इंजीनियरिंग
  • बिजनेस / मैनेजमेंट स्टडीज
  • आर्ट्स / ह्यूमेंनिटी
  • मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस
  • फाइन एंड अप्लाइड आर्ट्स

ऑस्ट्रेलिया

हायर स्टडीज के लिए अंतरराष्ट्रीय भारतीय छात्रों के बीच ऑस्ट्रेलिया भी पसंदीदा स्थल रहा है.इस देश को एक मजबूत उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है. यहाँ विश्वविद्यालय द्वारा पढ़ाये जाने वाले एकेडमिक कोर्सेज के साथ-साथ कई प्रोफेशनल कोर्सेज की डिग्री भी प्रदान की जाती है. ऑस्ट्रेलिया भारतीय शोधकर्ताओं के लिए पसंदीदा स्थल है क्योंकि यह डॉक्टरेट करने वाले छात्रों को उनकी आवश्यक बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ सही मार्गदर्शन प्रदान करता है.

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस / मैनेजमेंट स्टडीज
  • इंजीनियरिंग
  • मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस
  • मेडिकल / हेल्थ स्टडीज
  • सोशल साइंस

सिंगापुर

जहां तक ​​दक्षिणपूर्व एशिया का संबंध है, विदेशों में सिंगापुर भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा स्थल के रूप में उभरा है. यह देश कुछ उच्च श्रेणी के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों का हब है और भारतीय छात्रों को सस्ती कीमत पर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करता है. एमएनसी और वैश्विक कारोबार के लिए एक प्रमुख व्यापार केंद्र के रूप में सिंगापुर के उद्भव ने भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा विदेशी अध्ययन स्थल के रूप में अपनी स्थिति को महत्वपूर्ण बना दिया है.

सिंगापूर में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस / मैनेजमेंट स्टडीज
  • बैंकिंग एंड फायनांस
  • इंजीनियरिंग
  • कंप्यूटर साइंस
  • लॉ / लीगल स्टडीज

न्यूजीलैंड

विश्वास नहीं होगा लेकिन आजकल ऑस्ट्रेलिया के बगल में बसे एक छोटे द्वीप न्यूजीलैंड को भी उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है. पिछले पांच वर्षों में  न्यूजीलैंड भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा अध्ययन स्थल के रूप में उभरा है. क्यूएस द्वारा विश्व की सर्वश्रेष्ठ 500 विश्वविद्यालयों में इस देश के 8 विश्वविद्यालय को स्थान मिलना इस बात को साबित करता है कि यह देश वैश्विक मानदंडों के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करता है.रेगुलर विश्वविद्यालयों के अलावा, न्यूजीलैंड में 20 इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट तथा कई निजी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (पीटीई) भी हैं, जो छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं.

न्यूज़ीलैंड में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस / मैनेजमेंट स्टडीज
  • इंजीनियरिंग
  • सोशल साइंस
  • फिजिकल और लाइफ साइंस
  • मैथ्स एंड कंप्यूटर साइंस

यूके

परंपरागत रूप से, यूनाइटेड किंगडम यूरोप में भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा विदेशी अध्ययन स्थल रहा है लेकिन सख्त छात्र वीजा कानूनों और उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत के कारण अब यह भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा स्थल नहीं रहा है. भारतीय छात्र ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रसिद्द विश्वविद्यालयों में अध्ययन तो करना चाहते हैं लेकिन वीजा के कानूनी दाव पेंच की वजह अब वे किसी दूसरे देश की तरफ रुख कर रहे हैं. वैसे भारत और यूके की शिक्षा प्रणाली एक ही तरह की होने के कारण छात्रों को वहां हायर स्टडीज करना सुविधापूर्ण लगता है.अंतरराष्ट्रीय अध्ययन छात्रवृत्ति की उपलब्धता ब्रिटेन में उच्च शिक्षा ग्रहण करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को सहायता प्रदान करती है.

यूके में पढ़ाये जाने वाले मुख्य कोर्स

  • बिजनेस  / मैनेजमेंट स्टडीज
  • इंजीनियरिंग
  • सोशल साइंस
  • फिजिकल एंड लाइफ साइंस
  • फाइन एंड अप्लाइड आर्ट्स

इंडियन स्टूडेंट्स फॉरेन स्टडीज़ के लिए पास कर सकते हैं ये महत्वपूर्ण एग्जाम्स

आईईएलटीएस (ILETS)

इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम शायद उन छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय टेस्ट  है जो विदेशों में अपनी पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं. यह भारतीय छात्रों के लिए एक विदेशी प्रवीणता परीक्षा है. आईईएलटीएस टेस्ट को भाषा के स्तर पर जैसे छात्रों के सुनने, पढ़ने, बोलने और लिखने के प्रमुख भाषा कौशल का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है.यूएस, यूके, न्यूजीलैंड और कनाडा जैसे देश भारतीय छात्रों के लिए अग्रणी शिक्षा केंद्रों, विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थान तथा उच्च शिक्षा कार्यक्रमों में एडमिशन देने के लिए आईईएलटीएस स्कोर को स्वीकार करते हैं.

टॉफेल (TOFEL)

टॉफेल या विदेशी भाषा के रूप में अंग्रेजी भाषा का टेस्ट एक अंग्रेजी दक्षता परीक्षा है जो उम्मीदवार की अंग्रेजी बोलने की क्षमता और समझ का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की जाती है. 9,000 से अधिक कॉलेज, विदेशी विश्वविद्यालय और संस्थान अंग्रेजी दक्षता के प्रमाणपत्र के वैध सबूत के रूप में टॉफेल स्कोर को स्वीकार करते हैं. लगभग 130 टॉफेल के सक्रिय प्रतिभागी हैं जहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एडमिशन देने के लिए इस परीक्षा के स्कोर को स्वीकार किया जाता है. यह परीक्षा एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संगठन परीक्षा शैक्षणिक सेवा (ईटीएस) द्वारा आयोजित की जाती है,

जीआरई (GRE)

स्नातक रिकार्ड परीक्षा (ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन), को आम तौर पर जीआरई टेस्ट के रूप में जाना जाता है. दुनिया भर के कई लोकप्रिय और प्रतिष्ठित बी-स्कूलों, विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों द्वारा स्वीकार किए जाने वाला यह मानकीकृत प्रवेश परीक्षा है. जीआरई टेस्ट शैक्षिक परीक्षण सेवा (ईटीएस) द्वारा प्रशासित और आयोजित किया जाता है और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए एकेडमिक प्रोफाइल और विभिन्न छात्रों की दक्षता की तुलना में सहायक होता है.

जीमैट (GMAT)

जीमैट (ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट) एक वैश्विक स्तर पर स्वीकृत एमबीए प्रवेश परीक्षा है जिसके माध्यम से एमबीए उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग, शॉर्टलिस्ट और प्रवेश के लिए चुना जाता है. स्नातक प्रबंधन प्रवेश परिषद (जीएमएसी,ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल) द्वारा आयोजित जीमैट एक कंप्यूटर अनुकूली परीक्षण है जो मात्रात्मक, विश्लेषणात्मक, लेखन और मौखिक परीक्षण के साथ-साथ एमबीए उम्मीदवार के पढ़ने के कौशल का परीक्षण करता है.

एसएटी (SAT)

शैक्षिक आकलन परीक्षा (स्कॉलिस्टिक असेसमेंट टेस्ट)विदेशों में उच्च शिक्षा लेने की योजना बनाने वाले छात्रों के लिए एक मानकीकृत परीक्षा है. प्रारंभ में  अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों / विश्वविद्यालयों में शामिल होने के इच्छुक छात्रों के लिए एसएटी को एक सामान्य प्रवेश परीक्षा के रूप में विकसित किया गया था. वर्तमान में कॉलेज बोर्ड द्वारा आयोजित, एसएटी परीक्षा विदेशी विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है. सामान्य एसएटी परीक्षणों के अलावा, उम्मीदवार किसी विशेष विषय कोर्स / प्रोग्राम के लिए अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए संबंधित विषय या कोर्स में एसएटी का टेस्ट भी दे सकते हैं

एसीटी (ACT)

अमेरिकन कॉलेज टेस्ट एक मानकीकृत टेस्ट है जो अमेरिकी कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की एकेद्मिल तैयारी का आकलन करता है. एसीटी मानकीकृत टेस्ट का उद्देश्य उच्च विद्यालय में एडमिशन की मांग कर रहे छात्रों के ज्ञान को परखना है.

सीएई (CAE)

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ESOL (इएसओएल, अन्य भाषाओं के वक्ताओं के लिए अंग्रेजी) द्वारा ऑफ़र किया गया एक टेस्ट है. कैम्ब्रिज इंग्लिश : एडवांस्ड (सीएई) टेस्ट एक मानकीकृत अंग्रेजी दक्षता परीक्षण है जो पढ़ने, लिखने, सुनने और बोलने के अतिरिक्त  सभी भाषा कौशल का आकलन करता है. विदेशी देशों में जटिल एकेडमिक और प्रोफेशनल ड्यूटी के निर्वाह हेतु आवश्यक अंग्रेजी भाषा में कम्युनिकेशन स्किल का मूल्यांकन करने के लिए कैम्ब्रिज के विशेषज्ञों द्वारा सीएई टेस्ट को विकसित किया गया है.

एलएसएटी (LSAT)

लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और कई अन्य देशों में कानून की शिक्षा को आगे बढ़ाने की योजना बनाने वाले छात्रों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मानकीकृत टेस्ट है. इस टेस्ट को लॉ स्कूल एडमिशन काउंसिल (एलएसएसी) द्वारा प्रबंधित और प्रशासित किया जाता है. यह सभी लॉ स्कूल उम्मीदवारों के ज्ञान और प्रतिभा का आकलन समान रूप से करता है.एलएसएटी में अच्छा स्कोर भारतीय छात्रों के लिए किसी भी अंग्रेजी भाषी शिक्षा केंद्र के बड़े प्रतिष्ठित कानून स्कूलों में एडमिशन लेने में मददगार साबित होता है.

पियरसन टेस्ट

पियरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश एकेडमिक अथवा द पीटीई एकेडमिक टेस्ट विदेशों में हायर स्टडीज के इच्छुक छात्रों के लिए एक भाषा कुशल परीक्षा (लैंग्वेज प्रोफिसिएन्सी टेस्ट) है. पीटीई पियरसन द्वारा आयोजित एक कम्प्यूटरीकृत टेस्ट है जो गैर-मूल के अंग्रेजी बोलने वालों (या जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है) की अंग्रेजी भाषा प्रवीणता का मूल्यांकन करता है. पीटीई परीक्षा के परिणाम दुनिया भर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों द्वारा लगभग सभी प्रमुख अंग्रेजी बोलने वाले देशों में व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं. इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश शामिल हैं.

अंग्रेजी का पियरसन टेस्ट

पियरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश एकेडमिक अथवा द पीटीई एकेडमिक टेस्ट विदेशों में हायर स्टडीज के इच्छुक छात्रों के लिए एक भाषा कुशल परीक्षा (लैंग्वेज प्रोफिसिएन्सी टेस्ट) है. पीटीई पियरसन द्वारा आयोजित एक कम्प्यूटरीकृत टेस्ट है जो गैर-मूल के अंग्रेजी बोलने वालों (या जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है) की अंग्रेजी भाषा प्रवीणता का मूल्यांकन करता है. पीटीई परीक्षा के परिणाम दुनिया भर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों द्वारा लगभग सभी प्रमुख अंग्रेजी बोलने वाले देशों में व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं. इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश शामिल हैं.

विदेशों में अध्ययन करने का महत्त्व

हर साल, प्रवेश के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, चाहे वह ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई हो या पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल की. वैसे आम तौर पर इसे ब्रेन ड्रेन की संज्ञा दी जाती है लेकिन अगर गौर से सोचा जाय तो इससे छात्रों के करियर में ग्रोथ की संभावना भी रहती है. इसलिए हमें विदेशों में अध्ययन करने के उज्ज्वल पक्ष पर भी विचार करना चाहिए. विदेशों में पढ़ाई करने के कुछ प्रमुख फायदों पर नजर डालते हैं.

इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में सही कोर्स या कॉलेज चुनने के टिप्स

जब विदेशों में पढ़ाई की बात की जाती है तो छात्रों के समक्ष एक अहम सवाल यह होता है कि हम कैसे जाने कि कौन सा कॉलेज तथा कौन सा कोर्स हमारे लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त रहेगा? यूँ तो इस प्रश्न का कोई सरल और निश्चित उत्तर नहीं है. सही कोर्स और कॉलेज हर स्टूडेंट के लिए उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर अलग अलग हो सकता है. वैसे सामान्यतः विदेशों में अध्ययन करने की योजना बनाने वाले छात्र सही कॉलेज तथा कोर्स का चयन करने के लिए निम्नांकित बातों पर गौर कर सकते हैं-

भाषाअध्ययन का माध्यम

विभिन्न देश उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा के माध्यम के रूप में विभिन्न भाषाओं का पालन करते हैं. उदाहरण के लिए, जर्मन विश्वविद्यालय में शामिल होने की योजना बनाने वाले छात्रों के लिए जर्मन भाषा का मूल ज्ञान आवश्यक है. साथ ही  उन देशों के लिए जहां अंग्रेजी भाषा में कोर्स कराये जाते हैं, वहां की स्थानीय भाषा का ज्ञान छात्रों द्वारा फैकल्टी के साथ सामंजस्य बैठाने में मदद करता है.

सूटेबल कोर्सेज 

ज्यादातर मामलों में  जो छात्र विदेशी अध्ययन का विकल्प चुनते हैं वे पहले देश का फैसला करते हैं और फिर एक ऐसे कॉलेज की तलाश करते हैं जो उन्हें वह कोर्स कराता है जिसमें वे रुचि रखते हैं. लेकिन यह एक गलत रणनीति है. इसके बजाए, स्टूडेंट्स को सबसे पहले अपने कोर्स पर विचार करना चहिये और उस कोर्स के लिए जो कॉलेज या देश बेस्ट हो उस पर ध्यान देना चाहिए.प्रत्येक देश के विभिन्न क्षेत्रों की अपनी विशेषता है. इसलिए अपने लिए प्रासंगिक देश के कॉलेजों में ही आवेदन करें.

एजुकेशन कॉस्ट

शिक्षा की लागत न केवल कोर्स फी या ट्यूशन फी तक ही सीमित है जो आप कॉलेज को देते हैं. इसमें रहने की लागत, अध्ययन सामग्री, छात्र वीजा, बोर्डिंग और आवास इत्यादि सहित कुल लागत शामिल है. कोर्स, कॉलेज और जिस देश में आप अध्ययन के लिए निर्णय लेते हैं, उसे देश में रहने पर होने वाला खर्च, यह सब कुछ  आपके बजट के भीतर होना चाहिए

एप्लीकेशन प्रोसेस

विदेशों में अध्ययन करने का निर्णय लेते वक्त छात्रों को वहां की आवेदन प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी रखनी चाहिए. आवेदन प्रक्रिया जितनी लम्बी होगी आप उतने ज्यादा समय तक चिंताग्रस्त बने रहेंगे.इस लिए किसी ऐसे देश का चुनाव करें जहाँ एकीकृत आवेदन प्रक्रिया हो.

भारतीय छात्रों के लिए विदेशों में अध्ययन के अवसर

क्या आप हार्वर्ड या प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में अपनी हायर स्टडीज करने का सपना देख रहे हैं और ऐसा सोच रहे हैं कि काश मैं भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता तो कितना मजा आता ? वैसे आप अपनी इच्छा और जरुरत के अनुरूप स्टडी के लिए विदेशों में कई जगहों की तलाश कर सकते हैं तथा आपको कई भिन्न भिन्न जगहों में स्टडी के लिए बहुत सुनहरे ऑप्शंस भी प्राप्त होंगे. कुछ इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी तो विदेशी छात्रों के रूप में भारतीय छात्रों को लेना ज्यादा पसंद करती हैं तथा कुछ मानदंडों के आधार पर उन्हें रियायत भी देती हैं. कठिन प्रतिस्पर्धा (टफ कॉम्पीटिशन) के कारण भारत में कुछ मेधावी छात्र हायर स्टडीज के लिए किसी अच्छे इंस्टीट्यूट में एडमिशन नहीं ले पाते हैं.

आईआईटी-जेईई कटऑफ में कम मार्क्स तथा कैट एग्जाम को क्वालीफाई नहीं करने के गम में अपने समय और एनर्जी को बर्बाद करने की जरुरत नहीं है. इन परीक्षाओं में आपने क्वालीफाई नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं है कि टॉप कॉलेज में पढ़ने का आपका सपना टूट गया. 

अपने सपनों को पूरा करने का आपके पास एक और विकल्प है और वह है विदेश में हायर स्टडीज के लिए बेहतर इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी की तलाश. हो सकता है मेरी इस बात पर आपको हंसी आये.ऐसा बिलकुल नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के आइवी लीग कॉलेजों या ऑस्ट्रेलिया के सर्वोत्तम यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाना आसान है. लेकिन हाँ निश्चित रूप से इसके लिए प्रयास किया जा सकता है तथा प्रयास के अनुरूप उसमें सफलता भी मिलेगी. दुनिया भर की यूनिवर्सिटी भारतीय स्टूडेंट्स की गतिविधियों तथा उनकी सक्रियता की सराहना करते हैं और चाहते हैं कि भारतीय स्टूडेंट्स उनके कैम्पस में एडमिशन लें.

तो आइये विदेशों में मौजूद कुछ अध्ययन विकल्पों का पता लगाने की कोशिश करते हैं ताकि भारतीय छात्र अपने सपने को वास्तविकता में बदल सकें.

 

Gaurav Macwan is a content industry professional with 10+ years of experience in education and career development in digital and print media. He's a graduate in Political Science and has previously worked with organizations like Times Internet. Currently, he writes and manages content development for College and Careers sections of Jagranjosh.com. He can be reached at gaurav.macwan@jagrannewmedia.com.
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