केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 09 सितंबर, 2021 को भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 100-दिवसीय योजना की घोषणा की है जिसमें नीतिगत उपाय और हवाई अड्डों के साथ-साथ हेलीपोर्ट का विकास शामिल है. नागरिक उड्डयन के लिए तैयार की गई इस 100-दिवसीय योजना के तहत तीन मुख्य नींव पहलू बुनियादी ढांचे में सुधार, नीतिगत लक्ष्य और सुधार पहल शामिल हैं. इस 100-दिवसीय योजना में ऐसे 16 मुख्य बिंदु/ पॉइंट्स शामिल हैं जिनका उद्देश्य नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देना है जो COVID-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है.
भारत की एयरलाइन्स को वर्तमान में अपनी पूर्व-महामारी घरेलू उड़ानों की तुलना में अधिकतम 72.5 प्रतिशत पर संचालित करने की अनुमति है. कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत ने 25 मई, 2020 से अपनी घरेलू उड़ानें फिर से शुरू की थीं.
भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निर्मित 100-दिवसीय योजना: आपके जानने के लायक 10 प्रमुख पॉइंट्स
1. भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह 100-दिवसीय योजना अगले 100 दिनों में कुशीनगर, अगरतला, देहरादून और जेवर में 04 नए हवाई अड्डों के निर्माण के साथ शुरू होगी.
2. पहला हवाई अड्डा कुशीनगर में होगा जिसमें एयरबस 321 और बोइंग 737 उड़ानों की सफल लैंडिंग की क्षमता होगी. सिंधिया ने यह कहा कि, कुशीनगर बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु बनेगा.
3. देहरादून हवाई अड्डे पर दूसरा हवाई अड्डा टर्मिनल स्थापित किया जाएगा. इसके निर्माण में 457 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. यह नया टर्मिनल भवन वर्तमान में 250 यात्रियों की तुलना में 1,800 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा.
4. त्रिपुरा के अगरतला में तीसरा हवाई अड्डा बनाया जाएगा, जिसके लिए 490 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. यह नया हवाई अड्डा वर्तमान में प्रति घंटे 500 यात्रियों की तुलना में प्रति घंटे 1,200 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा.
5. चौथा हवाई अड्डा ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित किया जाएगा. यह न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है. जेवर में यह हवाईअड्डा परियोजना 30,000 करोड़ रुपये की लागत की होगी.
6. क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना UDAN के तहत, इन हवाई अड्डों के अलावा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी 06 हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे.
7. इस 100-दिवसीय योजना के तहत, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) गतिविधियों पर एक नई नीति की भी घोषणा की गई है.
8. इन 16 मुख्य बिंदुओं में से 04 बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं, 04 सुधारों से संबंधित हैं, और 08 नीतिगत लक्ष्यों से संबंधित हैं.
9. यह 100-दिवसीय योजना 30 अगस्त, 2021 से 30 नवंबर, 2021 तक जारी रहेगी.
10. हर क्षेत्र के लिए गठित अलग-अलग सलाहकार समूहों के साथ संयुक्त परामर्श के बाद यह 100-दिवसीय योजना तैयार की गई है.
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