नीति आयोग द्वारा आरंभ किये गये अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के तहत अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना के लिए 1500 स्कूलों का चयन किया गया है. इतने स्कूलों का चयन करने से ‘भावी अन्वेषकों के रूप में भारत में एक मिलियन बच्चों की प्रतिभा संवारने’से जुड़े मिशन के सपने को साकार करने में काफी मदद मिलेगी.
अटल टिंकरिंग लैब से जुड़ी इस घोषणा के साथ ही एआईएम के तहत एटीएल की स्थापना के लिए देश भर में अब तक 2441 स्कूलों का चयन किया गया है. इस दिशा में औपचारिक प्रयास एक साल से भी अधिक समय पहले शुरू किए गए थे. भारत सरकार के एक प्रमुख कार्यक्रम अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) का उद्देश्य देश भर में फैले स्कूलों, विश्व विद्यालयों और उद्योगों में नवाचार (इनोवेशन) एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना है.
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अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) क्या है?
यह छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए अपने अभिनव विचारों को साकार रूप देने का कार्य स्थल है. इन कार्य स्थलों पर कुछ ऐसा नया करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ा होता है.
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों जैसे 3डी प्रिंटर, रोबोटिक्स, संवेदी प्रौद्योगिकी किट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स से युक्त ये कार्य स्थल विद्यार्थियों को उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर स्थानीय सामुदायिक समस्याओं को गहराई से समझने एवं सुलझाने में समर्थ करते हैं. विद्यार्थियों को ‘खुद से करो’ की अवधारणा का उपयोग कर अपने अभिनव विचारों को मूर्त रूप देने और भारत की सामाजिक, सामुदायिक अथवा आर्थिक समस्याओं का अभिनव समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
उद्देश्य
आईओटी उपकरणों तथा रोबोटिक्स का उपयोग कर सेंसर आधारित समाधान विकसित करना भी इन परियोजनाओं में शामिल है. यह वर्ष 2022 तक अपने सपनों का ‘नया भारत’ बनाने की दृष्टि से विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा. इन प्रयोगशालाओं (लैब) को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि रचनात्मकता को बढ़ावा मिले और विद्यार्थी नियमित पाठ्यक्रम एवं अपनी पाठ्य पुस्तकों के अलावा कुछ अभिनव जानकारियां हासिल करें. इस तरह की लैब से विद्यार्थियों को भावी कौशल जैसे कि रचनात्मक एवं अभिकलनात्मक सोच, अनुकूल शिक्षण एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से युक्त, करने में भी मदद मिलेगी.
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