The Global Estimates Of 'Modern Slavery': विश्व में आधुनिक दासता (Modern Slavery) पर हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ग्रुप वॉक फ्री ने मिलकर एक रिपोर्ट 'द ग्लोबल एस्टीमेट्स ऑफ मॉडर्न स्लेवरी' जारी की है. जिसमे कहा गया है कि आधुनिक दासता या गुलामी, कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन बेरोजगारी, हाल के सशस्त्र संघर्ष, और गरीबी के साथ बढ़ी है.
50 million people are trapped in modern slavery 🌏.
— International Labour Organization (@ilo) September 13, 2022
These are 👨🏽, 👩🏿, and 🧒🏻 who are forced to work or to marry because of threats, violence or abuse of power.
Check out the latest Global Estimates of Modern Slavery.
👉🏾 https://t.co/sC7Es6kzNn#EndModernSlavery pic.twitter.com/cFf3kLN5VQ
आधुनिक दासता क्या है?
आधुनिक दासता को अभी तक विधिक रूप से परिभाषित नहीं किया गया है. यह एक सामान्य शब्द है, जो काफी हद तक खुद को परिभाषित करता है. इसका उपयोग शोषणकारी प्रकृति की स्थितियों की व्याख्या करता है. जिसमें कोई व्यक्ति धमकी, हिंसा, धोखे और शक्ति के दुरुपयोग का शिकार और मजबूर होता है. आधुनिक दासता में जबरन श्रम और ऋण बंधन, जबरन विवाह और मानव तस्करी जैसे शोषणकारी कार्य शामिल हैं.
रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य:
- आधुनिक दासता रिपोर्ट 2021 के अनुसार, आधुनिक दासता से लगभग 50 मिलियन (5 करोड़) लोग ग्रसित है.
- जबरन श्रम: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि, लगभग 28 मिलियन लोगों से जबरन श्रम कराया जाता है. इनमे से 17.3 मिलियन लोगों का निजी क्षेत्र में शोषण किया जाता है.
- जबरन विवाह: इस रिपोर्ट के अनुसार लगभग 22 मिलियन लोगों का जबरन विवाह करा दिया जाता है. जो आधुनिक दासता का ही एक रूप है.अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, यमन, जॉर्डन, सेनेगल, युगांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में बाल और जबरन विवाह में वृद्धि दर्ज की गई है.
- जबरन व्यावसायिक यौन शोषण: जबरन व्यावसायिक यौन शोषण के आंकड़ो में महिलाओं और लड़कियों की संख्या तीन चौथाई से अधिक है. साथ ही जबरन श्रम में इनकी संख्या एक तिहाई से अधिक हैं.
- UN रिपोर्ट के अनुसार विश्व में प्रति 1000 लोगों में 6.4 लोग आधुनिक गुलामी के शिकार हैं. जिसमे से प्रति 4 लोगों में 1 बच्चा इसका शिकार है.
आधुनिक दासता का स्वरुप:
- जबरन मज़दूरी या श्रम: वर्ष 2016 और 2021 के मध्य जबरन श्रम/मजदूरी में लोगों की संख्या में 2.7 मिलियन की वृद्धि का संकेत देती है, जो विश्व में 3.4 से 3.5 प्रति हजार लोगों पर जबरन श्रम के प्रसार को दर्शाती है. कोविड महामारी के दौरान इसमें और वृद्धि दर्ज की गयी है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अकेले ही विश्व की कुल (15.1 मिलियन) संख्या के आधे से अधिक लोग ग्रसित है.
- जबरन विवाह: इस आंकड़े में भी 2016 और 2021 के बीच 6.6 मिलियन की वृद्धि हुई है. इस मामले में भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इनकी संख्या लगभग दो-तिहाई है. इसके बाद अफ्रीका में 14.5 प्रतिशत (3.2 मिलियन) और यूरोप और मध्य एशिया में 10.4 प्रतिशत (2.3 मिलियन) लोग ग्रसित है.
भारत में जबरन श्रम से जुड़े कानून:
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23 के तहत तस्करी और जबरन श्रम निषेध है. साथ ही इस प्रावधान (अनुच्छेद 23) का कोई भी उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय अपराध माना जायेगा.
बंधुआ श्रम को बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 के अनुसार बंधुआ मज़दूरी को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया था.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के बारे में:
- वर्साय की संधि:अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का गठन वर्ष 1919 में वर्साय की संधि ( Treaty of Versailles) के तहत की गयी थी.
- 1946: यह संगठन वर्ष 1946 में संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध विशिष्ट एजेंसी बन गया था.
- मुख्यालय: इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है.
- उद्देश्य: वैश्विक स्तर पर श्रमिक अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा करना है.
- नोबेल शांति पुरस्कार: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को वर्ष 1969 में उसके कार्यों के लिये नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था.
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