आबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नहयान 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे. क्राउन प्रिंस ने भारत की ओर से भेजा गया निमंत्रण स्वीकार कर लिया.
उनके आने से दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ता प्राप्त होगी तथा दोनों देश व्यापर एवं सुरक्षा के मुद्दों पर बेहतर तालमेल स्थापित कर सकेंगे. यह उनकी दूसरी भारत यात्रा होगी इससे पहले वे फरवरी 2016 में भी तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आये थे.
शेख अल नहयान द्वारा यह निमंत्रण स्वीकार किये जाने से भारत एवं पाकिस्तान के मध्य चल रहे विवाद के दौरान विश्व को एक मजबूत सन्देश जायेगा. शेख अल नहयान यूएई के सैन्य बलों के डिप्टी सुप्रीम कमांडर हैं. शेख अल नहयान को मुख्य अतिथि बनाना मोदी सरकार की कूटनीति की सफलता को भी दर्शाता है तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
यूएई पाकिस्तान का मित्र देश माना जाता है तथा एक समय पर यूएई तथा पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता प्रदान की गयी थी.
अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूएई की यात्रा से पूर्व दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता दर्शायी थी. दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि वे धर्म एवं आतंकवाद के मध्य किसी तरह के संबंध का खंडन करते हैं तथा किसी भी आतंकवाद का विरोध करते हैं.
इसके अतिरिक्त क्राउन प्रिंस वर्ष 2006 के बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि बनने वाले पहले खाड़ी देशों के प्रतिनिधि होंगे. वर्ष 2006 में सऊदी किंग अब्दुला बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सउद गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे. वर्ष 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे मुख्य अतिथि थे जबकि वर्ष 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे.
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