गुजरात में अहमद पटेल 44 वोटों के साथ राज्यसभा चुनाव जीत गए हैं. चुनाव आयोग ने इसका औपचारिक ऐलान किया. अमित शाह और स्मृति ईरानी ने भी चुनाव जीत लिया है. दोनों को 46-46 वोट मिले. गुजरात में राज्यसभा की तीन सीट रिक्त थी. जिन के लिए o8 अगस्त 2017 वोटिंग की गई.
दो विधायकों के वोट रद्द होने का अहमद पटेल को लाभ हुआ. यदि वोट रद्द ना होता तो उनका जीतना मुश्किल था. अहमद पटेल केवल आधे वोट के अंतर से जीत पाए हैं. उन्हें मात्र 48 वोट अधिक मिले हैं. अहमद पटेल ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के बलवंत सिंह को हराया.
अहमद पटेल के अनुसार यह चुनाव उनके कैरियर का सबसे कठिन चुनाव था.
दो विधायकों के वोट रद्द-
दो विधायकों के वोट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने तीन बार चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया. और आखिरकार चुनाव आयोग ने अपने फैसले में साफ किया कि कांग्रेस के दोनों विधायकों ने जन प्रतिनिधि कानून का उल्लंघन किया है. इसी के चलते दोनों विधायकों राघव जी पटेल और भोला भाई गोहिल का वोट रद्द होगा.
कांग्रेस का आरोप था कि दोनों विधायकों ने वोटिंग के दौरान बीजेपी के एजेंट को बैलट पेपर दिखाए.
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि कानून के उल्लंघन के तहत दोनों विधायकों का वोट ररद्द किया है.
राज्यसभा हेतु प्रत्याशी-
बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राज्यसभा प्रत्याशी थे. कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में थे.
विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया-
गुजरात विधान सभा चुनाव में अनेक विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया. जिसके तहत विधायकों ने अन्य पार्टियों के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया.
व्हिप के बारे में-
व्हिप का आशय पार्टी की ओर से जारी वो आदेश है जिसके आधार पर सभी पार्टी विधायकों को वोट करना होता है. अगर विधायक व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान है. इतना ही नहीं विधायक की सदस्यता तक जा सकती है.
गुजरात में विधायकों का संख्या बल-
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सदस्य हैं. 6 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अब विधानसभा में 176 विधायक बचे हैं.
इनमें बीजेपी के 121 और कांग्रेस के 51 विधायक हैं.
राज्यसभा में जीत के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम 45 विधायकों के वोट चाहिए.
टिपण्णी-
अहमद पटेल की यह जीत कांग्रेस के लिए काफी मायने रखती है. बीजेपी और कांग्रेस की ओर से इस चुनाव को लेकर जिस तरह का हाई वोल्टेड ड्रामा बनाया गया शायद ही भारत के इतिहास में किसी राज्यसभा चुनाव में ऐसा नजारा देखा गया हो.
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