Akhilesh Yadav vs Subrat Pathak Election Result 2024: उत्तर प्रदेश के कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में वोटों की गिनती 4 जून 2024 को होगी। हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र माने जाने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में 13 मई 2024 को मतदान हुआ था और 61.08 प्रतिशत मतदान हुआ था। आधिकारिक अपडेट के अनुसार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक को 170922 से ज़्यादा वोटों से हराया। अखिलेश यादव को 642292 और सुब्रत पाठक को 471370 वोट मिले। बसपा उम्मीदवार इमरान बिन ज़फ़र 81639 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कन्नौज सीट को लंबे समय तक समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था, लेकिन 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को 14,000 से भी कम वोटों से हरा दिया।
कन्नौज लोकसभा सीट आगामी भारतीय आम चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस सीट में तीन जिलों में फैले 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से 4 पर वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और एक पर विपक्षी समाजवादी पार्टी का कब्जा है। इस बार कन्नौज सीट से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और भाजपा के सुब्रत पाठक चुनावी मैदान में उतरे।
अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक लोकसभा चुनाव 2024
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीजेपी प्रत्याशी और कद्दावर नेता सुब्रत पाठक तथा कांग्रेस उम्मीदवार के बीच कड़ी टक्कर है। पिछले दो चुनावों में अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट पर जीत हासिल की है। 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े अखिलेश को यहां 16,952 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। 2014 में भी अखिलेश ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 19,000 वोटों से हराया था।
कन्नौज लोकसभा सीट चुनाव परिणाम 2019 v/s 2024
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने बाकी हैं क्योंकि चुनाव अभी होने हैं। कन्नौज लोकसभा सीट पर हमेशा से समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है, 1998 से 2019 तक लगातार 5 बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। इस दौरान पार्टी ने क्षेत्र में अपना मजबूत समर्थन दिखाया। हालांकि, यह बताना जरूरी है कि पिछले सालों में अन्य पार्टियों ने भी इस सीट पर कब्जा किया है, जिसमें जनता पार्टी (3 बार), बीजेपी (2 बार), कांग्रेस (2 बार), संयुक्त समाजवादी और जनता दल शामिल हैं। 2012 में, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने अपने पति के राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्नौज सीट से लोकसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होने वाली उत्तर प्रदेश की पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया था। कन्नौज लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले गए थे। 2019 में यहां से सुब्रत पाठक बीजेपी के टिकट पर सांसद बने। उन्होंने पीड़ित दीपपाल यादव को हराया। इस बार बीजेपी से सांसद बने सुब्रत पाठक फिर से मैदान में हैं। उनका मुकाबला सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से है।
कैसा रहा अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक का राजनीतिक करियर?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक दोनों ही महत्वपूर्ण हस्तियां रही हैं। दोनों के राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। अखिलेश यादव सपा के वंशवादी नेता हैं। वह 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल के दौरान कई विकास कार्य हुए लेकिन भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई। 2022 में वह फिर से सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे थे लेकिन असफल रहे।
दूसरी ओर, कन्नौज लोकसभा से भाजपा सांसद और प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय जनता पार्टी यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष भी थे। वहीं बात करें अगर सुब्रत के राजनीतिक सफर की तो वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में 2019 के भारतीय आम चुनाव में डिंपल यादव को हराकर यूपी के कन्नौज से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुने गए थे। वहीं वर्तमान में सुब्रत पाठक भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश के महासचिव हैं। पिछले चुनाव में भी यहां भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराया था। इस चुनाव में सुब्रत पाठक महज 12,353 वोटों से जीते थे। 2009 में वे 1.5 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे और 2014 में उन्होंने 4.69 लाख वोटों के साथ पहले रनर-अप बनकर अपनी स्थिति में सुधार किया। आगामी चुनाव में पाठक का मुकाबला अखिलेश यादव से है।
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