गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि अप्रैल 2019 से सभी नए और पुराने बंदूक लाइसेंस रखने वालों के नाम राष्ट्रीय डेटाबेस में शामिल किए जाएंगे. साथ ही, लाइसेंस धारकों को विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) भी जारी किया जाएगा.
उद्देश्य:
गृह मंत्रालय, इस कदम का लक्ष्य अधिकृत निजी बंदूक धारकों पर नज़र रखना है. दरअसल उनमें से कई लोग अपराधों में और जश्न के नाम पर गोली चलाने के मामलों में, जिनमें लोगों की जान भी चली जाती है, उनमें लिप्त पाये जाते हैं.
मुख्य तथ्य:
- गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि लाइसेंस और नवीनीकरण अथॉरिटी को हथियार लाइसेंस प्रणाली के राष्ट्रीय डाटाबेस में डाटा अंकित करना होगा.
- इसके बाद संबंधित हथियार लाइसेंस धारक को एक यूआईएन दिया जाएगा. बिना यूआईएन के हथियार लाइसेंस को अवैध माना जाएगा.
- यह फैसला हथियार कानून, 1959 की धारा 44 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल कर और हथियार नियमावली, 2016 में संशोधन कर किया गया है.
- इन नियमों को हथियार (दूसरा संशोधन) नियमावली, 2018 कहा जाएगा.
- इसके अलावा, फार्म तृतीय के तहत कई लाइसेंस धारकों को अपने यूआईएन के तहत सभी हथियारों के संदर्भ में एक ही लाइसेंस के लिए एक अप्रैल या उससे पहले आवेदन करना होगा.
- गृह मंत्रालय के मुताबिक संशोधित अधिनियम के तहत किसी भी ऐसे व्यक्ति को शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी, जिसका कोई प्रमाणिक दस्तावेज नहीं होगा.
यह भी पढ़ें: मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में पौधागिरी अभियान आरंभ किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation