अलोक वर्मा ने सीबीआई प्रमुख पद से हटाये जाने के बाद दिया इस्तीफा

सीबीआई के 50 साल के इतिहास में यह अपनी तरीके का पहला मामला है. सीवीसी की जांच रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ द्वारा की गई ‘टेलीफोन निगरानी’ का हवाला दिया गया.

Jan 11, 2019, 16:00 IST
Alok Verma row
Alok Verma row

सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद 11 जनवरी 2019 को आलोक वर्मा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का जिम्मा दिया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है कि आलोक वर्मा को पुनः नियुक्ति के कुछ घंटों बाद ही 10 जनवरी 2019 को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से हटना पड़ा. केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के कारण उन्हें एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा पद से हटाने का निर्णय लिया गया.

आलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद महज 36 घंटे के भीतर ही उच्च स्तरीय समिति ने उन्हें पद से हटाने का अभूतपूर्व फैसला ले लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि जस्टिस ए. के. सीकरी की समिति ने 2-1 के बहुमत से उन्हें हटाये जाने का फैसला लिया. आलोक वर्मा का सीबीआई डायरेक्टर के रूप में कार्यकाल 31 जनवरी तक था.

जांच एजेंसी के 50 साल से अधिक के इतिहास में यह अपनी तरीके का पहला मामला है. सीवीसी की जांच रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ द्वारा की गई ‘टेलीफोन निगरानी’ का हवाला दिया गया.

 

कहां हुआ था तबादला?

आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाकर फायर सर्विस, सिविल डिफेंस, होम गार्ड में डायरेक्टर जनरल (डीजी) पद पर नियुक्त किया गया था. यह पद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है. उधर, एम़ नागेश्वर राव को दोबारा सीबीआई का अंतरिम निदेशक पद सौंपा गया है. वे तब तक पद पर रहेंगे जब तक नए निदेशक की तलाश पूरी नहीं होती. विदित हो कि अलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के दौरान नागेश्वर को ही सीबीआई की कमान सौंपी गई थी.


सीवीसी के आरोप


केंद्रीय सतर्कता आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ 8 आरोप लगाए थे. इनमें एक मीट कारोबारी से रिश्वत लेकर जांच प्रभावित करने और आईआरसीटीसी घोटाले में आरोपियों को बचाने की कोशिश के आरोप भी थे.

 

क्या है मामला?

गौरतलब है कि पिछले वर्ष सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए केस दर्ज कर दिए थे. इस मामले में केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर की रात के 2 बजे दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. वर्मा ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने इस आदेश को रद्द करते हुए उन्हें सीबीआई डायरेक्टर पद पर बहाल करने को कहा था. साथ ही, उच्च स्तरीय समिति से सात दिन के अंदर वर्मा के भविष्य का फैसला करने के निर्देश भी दिए थे. गौरतलब है कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति दो साल के लिए होती है ताकि किसी भी राजनीतिक दखल से बचाया जा सके.

 

यह भी पढ़ें: सवर्णों को 10% आरक्षण, क्या है संविधान संशोधन की प्रक्रिया?

 

यह भी पढ़ें: वर्ष 2018 के टॉप-50 घटनाक्रम जिसने दुनिया बदल दी

क्या है मामला?

गौरतलब है कि पिछले वर्ष सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए केस दर्ज कर दिए थे. इस मामले में केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर की रात के 2 बजे दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. वर्मा ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने इस आदेश को रद्द करते हुए उन्हें सीबीआई डायरेक्टर पद पर बहाल करने को कहा था. साथ ही, उच्च स्तरीय समिति से सात दिन के अंदर वर्मा के भविष्य का फैसला करने के निर्देश भी दिए थे. गौरतलब है कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति दो साल के लिए होती है ताकि किसी भी राजनीतिक दखल से बचाया जा सके.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News