आंध्र प्रदेश तीन राजधानियों वाला देश का पहला राज्य बना, जाने आखिर 3 राजधानियां क्यों चाहता है आंध्र प्रदेश

Jan 21, 2020, 16:26 IST

इस बिल के अनुसार, विशाखापट्टनम को कार्यकारी, अमरावती को विधायी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाया जाएगा. इससे पहले देश में किसी राज्य की अधिकतम दो राजधानियां रही हैं. लेकिन आंध्रप्रदेश अपनी राजधानियों के मामले में पहला अनोखा राज्य होगा.

jaganmohan reddy
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आंध्र प्रदेश विधानसभा ने 20 जनवरी 2020 को राज्य में तीन राजधानी बनाने के संबंधी बिल को मंजूरी दे दी है. वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी के बाद यह बिल विधानसभा में पेश किया था. इस बिल के अनुसार, विशाखापट्टनम को कार्यकारी, अमरावती को विधायी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाया जाएगा.

विधान परिषद से इस बिल के पास होने के बाद आंध्र देश का ऐसा पहला राज्य हो जाएगा जिसकी तीन राजधानियां होंगी. सरकार इस कदम को राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु जरूरी बता रही है. हालांकि सरकार के इस कदम का विरोध भी शुरू हो गया है. इससे पहले देश में किसी राज्य की अधिकतम दो राजधानियां रही हैं. लेकिन आंध्रप्रदेश अपनी राजधानियों के मामले में पहला अनोखा राज्य होगा.

आंध्र प्रदेश सरकार तीन राजधानियां क्यों चाहती है?

वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 20 जनवरी 2020 को विधानसभा में तीन राजधानी वाले प्रस्ताव को पेश किया जिसे मंजूरी मिल गई. महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की भी दो राजधानी हैं. नए प्रस्ताव के मुताबिक, मुख्यमंत्री का कार्यालय, राजभवन और सचिवालय समेत कई सरकारी दफ्तर अब विशाखापट्टनम में शिफ्ट होंगे.

हाई कोर्ट कुर्नूल में शिफ्ट किया जाएगा. वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा अमरावती में रहेगी. तीन राजधानी वाली अवधारणा के पीछे आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि वे प्रदेश के तीनों क्षेत्रों - उत्तरी तट, दक्षिणी तट और रायलसीमा का समान विकास चाहती है.

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किसानों ने किया विरोध

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी बनाने के फार्मूले को लेकर किसानों में गुस्सा है. वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने अमरावती में इसके विरुद्ध रैली निकाली. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी इसके विरोध में आवाज उठाई है. कैबिनेट की बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने टीडीपी नेताओं के साथ विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था.

आंध्र प्रदेश ने हर बार किया राजधानी से समझौता

आंध्र प्रदेश को प्रत्येक बार सीमाएं बदलने के साथ ही राजधानी से समझौता करना पड़ा है. साल 1953 में जब आंध्र अलग हुआ जो मद्रास तमिलनाडु में चला गया था. इसी तरह साल 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर हैदराबाद तेलंगाना की सीमा में आ गया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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