जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 28 जुलाई 2019 को केंद्र को आगाह किया कि राज्य में आर्टिकल 35 ए (Article 35 A ) से छेड़छाड़ करना बारूद में आग लगाने जैसा होगा. महबूबा मुफ्ती ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का स्थापना दिवस मनाने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम यह बयान दिया.
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा की हम केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि अनुच्छेद 35ए से छेड़छाड़ करना बारूद में आग लगाने जैसा होगा. अगर कोई हाथ अनुच्छेद 35ए को छूने की कोशिश करेगा तो न सिर्फ वह हाथ, बल्कि सारा शरीर जलकर राख बन जाएगा.
इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा को लेकर अतरिक्त बलों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर घाटी में राजनीतिक पार्टियों की कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई थी.
अनुच्छेद 35-A क्या है?
अनुच्छेद 35-A संविधान का वह आर्टिकल है जो जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देता है. यह भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर सरकार की सहमति से राष्ट्रपति के आदेश पर जोड़ा गया, जो कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा 14 मई 1954 को जारी किया गया था. 35-A के तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों के लिए नियम तय हुए हैं. इस अनुच्छेद के तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार और सुविधाएं दी गई हैं. इस अनुच्छेद के तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों को नौकरियों, संपत्ति की खरीद-विरासत, स्कॉलरशिप, सरकारी मदद और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं से संबंधित हैं.
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अनुच्छेद 370 क्या है?
अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता दर्जा प्रदान करता है. अनुच्छेद राज्य के विषय में कानून बनाने के लिए संसद की शक्ति को भी सीमित करता है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा की केन्द्र सरकार की तरफ से 10 हजार अतिरिक्त बलों की घाटी में तैनाती के फैसले ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू कश्मीर एक राजनीतिक समस्य है, जिसे सेना के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता है.
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