एशियाई विकास बैंक (एडीबी) असम में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु 23.1 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा. इसके तहत 120 मेगावॉट क्षमता की जल विद्युत परियोजना स्थापित की जाएगी. एडीबी और भारत सरकार ने कर्ज समझौते पर 30 दिसंबर 2020 को हस्ताक्षर किये.
असम बिजली क्षेत्र निवेश कार्यक्रम के लिये यह कर्ज की तीसरी किस्त है. इस कार्यक्रम को एडीबी निदेशक मंडल ने जुलाई 2014 में मंजूरी दी थी. कार्यक्रम के तहत ऊर्जा उत्पादन और वितरण व्यवस्था की क्षमता और दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंच की स्थिति मजबूत हो.
परियोजना कोपिली नदी पर लगायी जाएगी
एडीबी की विज्ञप्ति के अनुसार जल विद्युत परियोजना कोपिली नदी पर लगायी जाएगी. इससे साल 2025 तक 469 गीगावॉट घंटा (जीडब्ल्यूएच) स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाने में सहायता मिलेगी. साथ ही ग्रीनहउस गैस कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 3.6 लाख टन की कमी आएगी.
बिजली की उपलब्धता में वृद्धि
इस प्लांट से घरों में बिजली की उपलब्धता में वृद्धि होगी. इस ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ. सीएस महापात्रा और एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रभारी अधिकारी हो यूं जोंग ने हस्ताक्षर किये. इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद डॉ. महापात्र ने कहा कि यह परियोजना स्वच्छ जल विद्युत स्रोतों से असम की बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी और असम में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगी.
एशियाई विकास बैंक
एशियाई विकास बैंक (ADB) एडीबी एक क्षेत्रीय विकास बैंक है. इसका मुख्य उद्देश्य एशिया में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. इसकी स्थापना दिसंबर 1966 में की गयी थी. इसका मुख्यालय मनीला (फिलीपींस) में स्थित है.
इसके कुल 68 सदस्य हैं, जिनमें से 48 एशिया और प्रशांत क्षेत्र जबकि बाकी 19 अन्य क्षेत्र के हैं. एडीबी का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ऋण, तकनीकी सहायता, अनुदान और इक्विटी निवेश प्रदान करके अपने सदस्यों और भागीदारों की सहायता करना है.
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