केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 23 फरवरी 2017 को गुजरात में 6 किलोमीटर लंबे बेट द्वारका दर्शन सर्टिक के विकास को मंजूरी दे दी. इस सर्किट को 'विरासत शहर विकास और विस्तार योजना/ राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय)' के तहत 16.27 करोड़ रुप. के खर्च से विकसित किया जाएगा.
द्वारका दर्शन सर्किट, जो प्रख्यात द्वरकाधीश हवेली और हनुमान दांडी को जोड़ता है, को हृदय के राष्ट्रीय अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष राजीव गाबा, सचिव (यूडी) से मंजूरी मिली थी. हनुमान दांडी गुजरात के द्वारका जिला में बना एक मात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान हनुमान और उनके पुत्र मकरध्वज एक साथ विराजमान हैं. रणछोड़ तालाब और शंकुधर झील , इस सर्किट के दो प्रमुख जल निकाय हैं.
दर्शन सर्किट में किए जाने वाले कार्यों में शामिल हैं:
• सड़कों और पैदल रास्तों का विकास
• समुद्र तट के किनारे साइकल ट्रैक बनाना और वृक्षारोपण, एलईडी लाइटें लगाना और बिक्री के लिए प्लाजा बनाना
• अन्य सुविधाओं में बेंचों, कपड़े बदलने के कक्ष, आराम कक्ष, पेयजल और शौचालय की सुविधा शामिल है.
• हस्तशिल्प और फूड बाजार भी बनाया जाएगा.
विरासत शहर विकास और संवर्धन योजना (हृदय):
21 जनवरी 2015 को शुरु कि गई राष्ट्रीय विरासत विकास एवं संवर्धन योजना (हृदय) देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को फिर से जीवंत बनाना चाहती है. इसका शुभारंभ केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैंकैया नायडू ने किया था.
हृदय के तहत संरचनात्मक विकास संबंधी कार्य पहचान किए गए 12 शहरों में, इसमें द्वारका– बेट द्वारका भी शामिल है, 500 करोड़ रुपयों की कुल लागत से किए जाएंगे. अब तक, सभी 12 मिशन शहरों के लिए 420 करोड़ रुपयों के निवेश के साथ परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है.
हृदय के तहत विकसित किए जाने वाले 12 शहर और आवंटित धनराशि:
• वाराणसी (उत्तर प्रदेश)– 89.31 करोड़ रु.
• अमृतसर (पंजाब)– 69.31 करोड़ रु.
• वारंगल (तेलंगाना)– 40.54 करोड़ रु.
• अजमेर (राजस्थान)– 40.04 करोड़ रु.
• गया (बिहार)– 40.04 करोड़ रु.
• मथुरा (उत्तर प्रदेश)– 40.04 करोड़ रु.
• कांचीपुरम (तमिलनाडु)– 23.04 करोड़ रु.
• वेल्लंकिनी (तमिलनाडु)– 22.26 करोड़ रु.
• अमरावती (आंध्र प्रदेश)– 22.26 करोड़ रु.
• बादामी (कर्नाटक)– 22.26 करोड़ रु.
• द्वारका (गुजरात)– 22.26 करोड़ रु.
• पुरी (ओडीशा)– 22.54 करोड़ रु.
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