Shaheed Bhagat Singh Death Anniversary 2022: भगत सिंह की 91वीं पुण्यतिथि पर जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें

Mar 23, 2022, 10:57 IST

Shaheed Bhagat Singh Death Anniversary 2022: इस साल शहीद भगत सिंह की 91वीं पुण्यतिथि है. मृत्युदंड ने हजारों लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन का मुद्दा उठाने हेतु प्रेरित किया था. 

Martyrs Day 2022: History Significance, Why It Is Celebrated On Bhagat Singh Death Anniversary
Martyrs Day 2022: History Significance, Why It Is Celebrated On Bhagat Singh Death Anniversary

Shaheed Bhagat Singh Death Anniversary 2022: भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को दो अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया गया था. इस साल शहीद भगत सिंह की 91वीं पुण्यतिथि है.

मृत्युदंड ने हजारों लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन का मुद्दा उठाने हेतु प्रेरित किया था. साल 1929 में उन्होंने और एक सहयोगी ने भारत की रक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध करने हेतु दिल्ली में केंद्रीय विधान सभा में बम फेंका और फिर आत्मसमर्पण कर दिया. उन्हें सांडर्स की हत्या के आरोप में 23 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी.

शहीद दिवस

भारत हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है और उन तीन युवा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिन्होंने भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उन्होंने राज्य में शहीद दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.

भगत सिंह का जन्म कब हुआ था?

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा गाँव में, वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था.

भगत सिंह किस तारीख को शहीद हुए थे?

भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया गया था.

भगत सिंह की मृत्यु के समय उनकी आयु कितनी थी?

जब वे शहीद हुए तब भगत सिंह 23 वर्ष के थे.

भगत सिंह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

•    आपको बता दें कि शहीद दिवस भारत में कई तिथियों पर मनाया जाता है. 23 मार्च को उस दिन के रूप में याद किया जाता है जब तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी. साथ ही 30 जनवरी को महात्मा गांधी की याद में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.

•    भगत सिंह ने अपने साथियों राजगुरु, सुखदेव, आजाद एवं गोपाल के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की हत्या के लिए लड़ाई लड़ी.

•    उन्होंने मात्र तेरह साल की उम्र में शिक्षा छोड़ दी तथा लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने यूरोपीय क्रांतिकारी आंदोलनों का अध्ययन किया.

•    भगत सिंह ने अमृतसर में प्रकाशित उर्दू और पंजाबी अखबारों को लिखा और संपादित किया. उन्होंने कीर्ति किसान पार्टी की पत्रिका कीर्ति के लिए भी लिखा.

•    भगत सिंह ने राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आजाद सहित अन्य क्रांतिकारी नेताओं के साथ लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए स्कॉट को मारने की साजिश रची. हालांकि, उन्होंने गलती से जॉन पी. सॉन्डर्स को गोली मारकर हत्या कर दी, जो सहायक पुलिस अधीक्षक थे.

•    जेल में लगभग दो साल रहने के दौरान भगत सिंह क्रांतिकारी लेख लिखा करते थे तथा अपने विचारों को व्यक्त करते थे.

भगत सिंह के कोट्स

•    जब एक अत्याचारी मर जाता है, तो उसका शासन खत्म हो जाता है, लेकिन जब एक शहीद मर जाता है, तो उसका शासन वास्तव में शुरू होता है.

•    क्रांति मानव जाति का एक अविभाज्य हक़ है. स्वतंत्रता सभी का एक अविनाशी जन्मसिद्ध अधिकार है.

•    उन्होंने कहा था कि मैं इस बात पर जोर देता हूं कि मैं महत्वकांक्षा, आशा एवं जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूं तथा वही सच्चा बलिदान है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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