प्रदेश सरकार ने न्यायिक सेवा के अफसरों तथा सरकारी मुलाजिमों के लिए बिहार में शराबबंदी कानून और सख्त कर दिए हैं. सरकार ने बिहार कैबिनेट ने जुडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल 2017 में संशोधन किया है.
15 फरवरी 2017 को कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन को मंजूरी दे दी गई. संशोधन के तहत न्यायिक सेवा के अधिकारी या राज्य सरकार के सरकारी अधिकारी बिहार प्रदेश के बाहर भी शराब पीते या नशा (मादक द्रव्य का उपयोग) करते पकड़े गए तो उनके खिलाफ नए प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कार्रवाई का प्रावधान-
• कार्यवाही के तहत सम्बंधित अधिकारी को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
• नई व्यवस्था के प्रभावी होने के बाद सरकारी सेवकों और न्यायिक पदाधिकारियों पर एक साथ दो तरह की कार्रवाई की जा सकेगी.
• राज्य सरकार के कर्मी और न्यायिक सेवा के पदाधिकारी बिहार के बाहर भी शराब पीते हैं तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा.
• प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने सहमति प्रदान कर दी है.
• राज्य में अब शराबबंदी का कानून तो प्रभावी होगा ही इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी जिसके तहत निलंबन या बर्खास्तगी संभव है.
पृष्ठभूमि-
• पूर्व में बिहार में राज्यकर्मियों के आचार संहिता में ड्यूटी के दौरान और सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने की मनाही थी.
• अब यह नियम बिहार में तैनाती के दौरान प्रदेश के भी बाहर राज्यकर्मियों पर लागू होगा.
• इसके लिए सरकारी सेवक और आचार नियमावली 1976 और बिहार जुडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूप 2017 में संशोधन किया गया.
• नियमावली के अनुसार राज्य सरकार के कर्मी पेय या ऐसी औषधि का सेवन नहीं करेंगे जिससे नशा या मादकता होती हो. साथ ही ऐसे सरकारी सेवक जहां पर तैनात होंगे वहां लागू कानून का सख्ती से पालन करेंगे.
कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा के अनुसार सरकार की आचार संहिता नियमावली में शराब और प्रतिबंधित मादक औषधि नहीं पीने का प्रावधान किया गया. इसमें स्पष्ट किया गया है कि सरकारी सेवक उक्त पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे.
ज्यूडिशियल कंडक्ट रूल्स 2017 को लागू करने से पूर्व राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट से भी स्वीकृति प्राप्त की.
अन्य फैसले-
नीतीश सरकार ने कैबिनेट बैठक में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का नाम सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर रखने और मोकामा टाल क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण और पानी निकालने हेतु 188 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की गई.
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