बिहार सरकार द्वारा न्यायिक सेवा में 50 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा

Dec 28, 2016, 16:05 IST

बिहार सरकार मंत्रिमंडल द्वारा लिए गये निर्णय के अनुसार बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा को 21 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जायेगा

बिहार सरकार द्वारा 27 दिसंबर 2016 को राज्य की न्यायिक सेवा के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.

बिहार राज्य की न्यायिक सेवा में अब पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा. आरक्षण का यह प्रावधान बिहार उच्च न्यायिक सेवा (एडीजे) और बिहार असैनिक सेवा, न्याय (जूडिशियल मजिस्ट्रेट) में लागू होगा.

बिहार सरकार मंत्रिमंडल द्वारा लिए गये निर्णय के अनुसार बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा को 21 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत,  पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जायेगा.

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फैसले के मुख्य बिंदु

•    न्यायिक प्रणाली में दिए गये आरक्षण में महिलाओं को 35 प्रतिशत और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा.

•    किसी भी श्रेणी की कुल अरक्षित सीटों में उसी श्रेणी की महिलाओं को 35 प्रतिशत तथा उसी श्रेणी के शारीरिक अक्षम व्यक्ति को एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

•    इसके अतिरिक्त अनारक्षित अथवा सामान्य श्रेणी में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत तथा शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा.

•    राज्य सरकार बनाम दयानंद सिंह मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 सितंबर 2016 को पारित आदेश  के आधार पर पटना हाइकोर्ट और बिहार लोक सेवा आयोग के परामर्श से इस सेवा में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया.
पटना हाइकोर्ट और बिहार लोक सेवा आयोग के परामर्श के बाद राज्य सरकार ने बिहार उच्च न्यायिक सेवा संशोधन नियमावली, 2016 और बिहार असैनिक सेवा न्याय शाखा भर्ती संशोधन नियमावली, 2016 में निहित आरक्षण और अन्य प्रावधानों को लागू किया है.

दयानंद सिंह बनाम केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने दयानंद सिंह बनाम केंद्र सरकार नामक याचिका में पटना हाइकोर्ट को निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह बिहार न्यायिक सेवा में आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को 3 जनवरी 2017 से पहले अपनी राय से अवगत कराये. इसके बाद पटना उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर 2016 को बैठक रखी गयी. इसमें न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ आरक्षण दिए जाने की अनुमति दी.

न्यायालय ने कहा कि आरक्षण दिए जाने के बावजूद गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए तथा उम्रसीमा में भी छूट नहीं दी जा सकती. उच्च न्यायालय की इस राय के उपरांत राज्य सरकार ने आरक्षण को मंजूरी प्रदान की.

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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