बिहार सरकार ने 29 अगस्त 2017 को बाढ़ राहत के लिए 1935 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी. राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बाढ़ राहत के लिए आकस्मिक निधि से 1935 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में कुल 24 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई.
इस राशि से प्रत्येक पीड़ित परिवार को छह हजार रुपये की सहायता दी जाएगी, जिसमें 3,000 रुपये नकद और 3,000 रुपये खाद्यान्न के लिए दिए जाएंगे.
बैठक में अंतर्राज्यीय प्रतिनियुक्ति के नीति निर्धारण को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई. इसके तहत बिहार राज्य के कर्मचारी दूसरे राज्यों में अंतराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकेंगे. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग में एक नीति का निर्धारण किया गया है. अखिल भारतीय कैडर और केंद्रीय कैडर को छोड़कर दूसरी सभी सेवाओं में कर्मचारियों की अंतर्राज्यीय प्रतिनियुक्ति हो सकेगी.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बिहार में बाढ़ से पिछले 2 दिनों के दौरान 32 और लोगों की मौत के साथ प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 514 हो गई है. बाढ़ से 19 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सिवान, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया की एक करोड़ 71 लाख 64 हजार आबादी प्रभावित हुई है.
बिहार में प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में दूसरे राज्य भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने बिहार में बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए 29 अगस्त 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पांच करोड़ रुपये का चेक सौंपा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2017 को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 500 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता की घोषणा की.
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