बिस्कुट बनाने वाली प्रमुख कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने 98 वर्ष के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संयंत्र महाराष्ट्र के रंजनगांव में लगाने की तैयारी की है. कंपनी ने इस संयत्र पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की है.
ब्रिटानिया के प्रबंध निदेशक वरुण बेरी के अनुसार कंपनी ने संयंत्र के लिए 96 एकड़ जमीन का अधिग्रहण पहले ही कर लिया है. सरकार के पास अतिरिक्त 48 एकड़ के लिए आवेदन भी किया गया है.
प्रमुख तथ्य-
- संयंत्र के 2 वर्ष में बनकर तैयार किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस संयंत्र के बन जाने से बाहरी संयंत्र में उत्पादन की निर्भरता कम हो जाएगी. रंजनगांव में स्थापित किए जाने वाले संयत्र की सालाना क्षमता 1.2 लाख टन होगी.
- शुरुआत में यहां बिस्कुट उत्पादन के लिए 6 लाइनें, केक और क्रोइसेंट की एक-एक लाइन होंगी.
- बाद में रस्क, मैदा और डेयरी उत्पादों का भी उत्पादन आरम्भ किया जाएगा.
- संयंत्र शुरू होने के बाद कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर सालाना 12.2 लाख टन हो जाएगी और आउटसोर्स पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी.
आउटसोर्स -
- कंपनी के चेयरमैन नुस्ली एन वाडिया के अनुसार वर्तमान में कंपनी के कुल उत्पादन का 45 फीसदी आउटसोर्स किया जाता है, जिसे निकट अवधि में घटाकर 35 फीसदी तक लाने की योजना है.
- कंपनी की योजना कुल डेयरी उत्पादन का 85 फीसदी इसी संयंत्र में तैयार करने की है.
- कंपनी विशेष किस्म की मैदा के उत्पादन का भी व्यवहार्यता अध्ययन करेगी. इस तरह के मैदे का इस्तेमाल कंपनी के क्रीम युक्त क्रोइसेट बनाने में किया जाएगा.
- वर्तमान में इसके लिए कंपनी ने ग्रीक कंपनी चिपिटा एस.ए. के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया है. बेरी के अनुसार कंपनी ने हर साल एक नया उत्पादन लाने और एक नए बाजार में प्रवेश करने का लक्ष्य रखा है.
अन्य परियोजनाएं-
- कंपनी 55 करोड़ रुपये की लागत से नेपाल में भी इस साल एक संयंत्र लगाएगी.
- इसके अलावा कंपनी असम और मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी नया संयंत्र शुरू करने की प्रक्रिया में है.
- मुंद्रा संयंत्र से निर्यात बाजार की उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी.
- बेरी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के लागू होने के बाद कीमतें नहीं बढ़ाई हैं.
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