केंद्र सरकार ने 24 अगस्त 2020 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के मोर्चे पर करदाताओं को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्रालय ने व्यापारियों को दी जाने वाली जीएसटी छूट का दायरा दोगुना कर दिया है. अब 40 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट मिलेगी. जबकि पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी.
केंद्र सरकार की तरफ से लॉकडाउन से प्रभावित कारोबारियों के लिए ये बड़ी सौगात है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि जीएसटी से रोल आउट होने के बाद करदाता आधार लगभग दोगुना हो गया है. इतना ही नहीं, जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये तक है, वे कंपोजिशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं. उन्हें केवल एक प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा.
मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा है कि निर्माण क्षेत्र एवं खासकर आवासीय सेक्टर को बड़ी राहत दी गई है. इसे अब पांच प्रतिशत के टैक्स स्लैब के तहत रखा गया है. सस्ते मकानों पर जीएसटी की दर अब एक प्रतिशत रह गई है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी को लागू किए जाने के बाद से अधिकतर चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है.
Now, Businesses with an annual turnover of up to Rs 40 lakh are GST exempt. Initially, this limit was Rs 20 lakh. Additionally, those with a turnover up to Rs 1.5 crore can opt for the Composition Scheme and pay only 1% tax. (1/5) pic.twitter.com/Jy589R1qNV
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
GST में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित
वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सपेयर बेस लगभग डबल हुआ है. जब जीएसटी लागू हुआ था, उस समय जीएसटी द्वारा कवर किए गए एसेसीज की संख्या लगभग 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.24 करोड़ से ज्यादा हो गई है. साथ ही जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित हैं.
अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी से पहले मूल्यवर्धित कर (वैट), उत्पाद शुल्क और बिक्री कर देना पड़ता था. सामूहिक रूप से इनकी वजह से कर की मानक दर 31 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी. मंत्रालय ने कहा कि अब व्यापक रूप से सब मानने लगे हैं कि जीएसटी उपभोक्ताओं और करदाताओं दोनों के अनुकूल है.
जीएसटी एक नजर में
जीएसटी में 17 स्थानीय शुल्क समाहित हुए हैं. देश में जीएसटी को 01 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री थे. मंत्रालय ने कहा कि लोग जिस दर पर कर चुकाते थे, जीएसटी व्यवस्था में उसमें कमी आई है. राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) समिति के मुताबिक राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत है. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अभी जीएसटी की भारित दर सिर्फ 11.6 प्रतिशत है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation