मंत्रिमंडल ने ओडिशा के ब्रह्मपुर में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) को मंजूरी प्रदान की. केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) की स्थापना एवं संचालन को यह स्वीकृति सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत प्रदान की है.
आईआईएसईआर की मौजूदगी में विभिन्न राज्यों एवं भौगोलिक स्थानों पर विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व अनुसंधान को प्रोन्नत करने हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण (2015) में ओडिशा में एक आईआईएसईआर स्थापित करने की घोषणा की थी.
मुख्य तथ्य-
• अकादमिक वर्ष 2016-19 तक आईआईएसईआर का ब्रह्मपुर में अस्थायी कैम्पस होगा.
• जिस पर 152.79 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
• अकादमिक सत्र की शुरुआत हेतु शुरू के तीन वर्षों (2016-19) के लिए पूर्व कार्योत्तर अनुमोदन मिला है. नया सत्र 1 अगस्त 2016 से शुरू किया जाएगा.
• ओडिशा सरकार इसके लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराएगी.
• आईआईएसईआर त्रिरुपति और ब्रह्मपुर की स्थापना हेतु भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान (दूसरे संसोधन) विधेयक 2016 को संसद में पेश करने पर सहमति व्यक्त की है.
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान(एनआईटीएसईआर) अधिनियम, 2007 (2007 के 29) में संशोधन या बदलाव पर विधायी विभाग विचार किया जा सकता है.
पृष्ठभूमि-
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान(एनआईटीएसईआर) अधिनियम 2012 के तहत भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया.
• विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान और ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर शिक्षा के लिए इन संस्थानों की परिकल्ना की गई है.
• इससे पहले पांच स्थानों कोलकाता, पुणे, मोहाली, भोपाल, त्रिवनंतपुरम में आईआईएसईआर का संचालन किया जा रहा है.
इसकी स्थापना तिरुपति में 2015 में की गई.
• मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद ब्रह्मपुर में सरकारी आईटीआई की इमारत में आईआईएसईआर का अस्थायी कैम्पस खोलने का निर्णय लिया गया है.
इस अस्थायी कैम्पस परियोजना पर 152.79 करोड़ रुपये
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