केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 मार्च 2020 को भारत और जर्मनी के बीच ज्ञापन समझौते को मंज़ूरी दे दी है. इस ज्ञापन समझौते पर रेल मंत्रालय और जर्मनी के डीबी इंजीनियरिंग एंड कंसल्टिंग जीएमबीएच के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. इस ज्ञापन समझौते पर फरवरी 2020 में हस्ताक्षर किए गए थे.
यह समझौता रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा. भारत और जर्मनी के सम्बन्ध मजबूत और मित्रतापूर्ण हैं. ये मुख्यतः व्यापार, तकनीकी शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित हैं.
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) से रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए हुए निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग कायम हो सकेगा
• माल परिचालन: माल परिचालन में सीमा पार परिवहन, मोटर वाहन परिवहन आदि शामिल है.
• यात्री परिचालन: यात्री परिचालन में उच्च गति और सीमा पार यातायात आदि शामिल है.
• बुनियादी ढांचा निर्माण और प्रबंधन: बुनियादी ढांचा निर्माण और प्रबंधन में समर्पित माल गलियारों और यात्री स्टेशनों के विकास आदि शामिल है.
• आधुनिक, प्रतिस्पर्धी रेलवे संगठन का विकास: इसमें संगठनात्मक संरचनाओं के सुधार और रेलवे के उद्धार आदि शामिल है.
• रेलवे आईटी समाधान: रेलवे के परिचालन, विपणन और बिक्री के साथ-साथ प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए आईटी समाधान आदि है.
• भविष्यसूचक रख-रखाव
• निजी ट्रेन संचालन
• अन्य परस्पर क्षेत्रों पर सहमति
पृष्ठभूमि:
रेल मंत्रालय ने सहयोग के पहचाने गए क्षेत्रों के संबंध में विभिन्न विदेशी सरकारों और राष्ट्रीय रेलवे के साथ रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/ सहयोग के ज्ञापनों /प्रशासनिक प्रबन्धों/आशय की संयुक्त घोषणाओं (जेडीआई) पर हस्ताक्षर किए हैं. सहयोग के क्षेत्रों में हाई स्पीड रेल, मौजूदा मार्गों पर गति बढ़ाना, विश्व स्तर के स्टेशनों का विकास, भारी ढुलाई संचालन और रेल के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण आदि शामिल हैं.
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