केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 06 जून 2018 को सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
मंत्रिमंडल ने सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और ब्रिटेन के बीच अप्रैल 2018 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया.
उद्देश्य:
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सतत शहरी विकास के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच संस्थागत सहयोग उपलब्ध कराना और उसे मजबूती देना है.
मुख्य तथ्य:
- सहयोग के क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी का विकास, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यावरण के अनुकूल किफायती आवास, अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी संस्थानों में क्षमता निर्माण, शहरी क्षेत्रों में कौशल विकास, शहरी मोबिलिटी, बौद्धिक परिवहन प्रणाली एवं ट्रांजिट-केन्द्रित विकास, वित्तीय पहुंच में नवाचार एवं अन्य संबंधित क्षेत्र शामिल हैं. दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में सहयोग के लिए आपसी सहमति जताई थी.
- इस एमओयू के तहत एक भारत-यूके संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) गठित किया जाएगा जो एमओयू के दायरे में सहयोग पर रणनीति एवं कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेगा.
- शहरी विकास पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक साल में एक बार होने की उम्मीद है. यह बैठक बारी-बारी से भारत और ब्रिटेन में होगी.
प्रभाव:
यह एमओयू दोनों देशों के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में दीर्घावधि द्विपक्षीय सहयोग को गहराई और मजबूती देने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
समझौता से होने वाले लाभ:
इस समझौता से समार्ट सिटी का विकास, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यावरण के अनुकूल किफायती आवास, अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी क्षेत्रों में कौशल विकास, शहरी मोबिलिटी बौद्धिक परिवहन प्रणाली आदि में लाभ होगा.
यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने 'भारत के प्रधानमंत्री' संग्रहालय परियोजना हेतु 3 पैनल गठित किये
Comments
All Comments (0)
Join the conversation