केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के बढ़ते बोझ को देखते हुए कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं.
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी. सीजेआई रंजन गोगोई ने हाल ही में कहा था कि जजों की कमी के कारण कानून के सवालों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला लेने के लिए आवश्यक संवैधानिक पीठों का गठन नहीं किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या अब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या को 30 से बढ़कर 33 हो जायेगी. सुप्रीम कोर्ट में अब भारत के प्रधान न्यायाधीश के अलावा 33 न्यायाधीश होंगे. न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या सीजेआई (Chief Justice of India) समेत 34 हो जाएगी. |
समय-समय पर बढ़ी जजों की संख्या
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या कानून, 1956 में मूल रूप से न्यायाधीशों की संख्या 10 (सीजेआई के अलावा) तय की गई थी. कोर्ट में जजों की संख्या संशोधन कानून, 1960 द्वारा जजों की संख्या 10 बढ़ाकर 13 कर दी गई और साल 1977 में 17 कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या साल 1986 में सीजेआई के अतिरिक्त बढ़ाकर 25 कर दी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट संशोधन कानून, 2009 में यह जजों की संख्या 25 से बढ़ाकर 30 कर दी गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 16 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश भी की थी.
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पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट (न्यायाधीशों की संख्या) कानून, 1956 आखिरी बार साल 2009 में संशोधित किया गया था, जब सीजेआई के अलावा न्यायाधीशों की संख्या 25 से बढ़ाकर 30 की गई थी. विधि मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में अभी करीब 59,331 मामले लंबित पड़े हैं. ऐसे में जजों की संख्या में वृद्धि मौजूदा समय की जरुरत है, जिसे सरकार ने बहुत ही गंभीरता से लिया है.
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