केंद्र सरकार ने गांवों के ढांचे को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के पुनर्गठन को मंजूरी दी है. पुनर्गठन के बाद तैयार की गई इस नई योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के मांडला जिले से करेंगे. प्रधानमंत्री इसी दिन देश भर की ग्राम सभाओं को भी सीधे संबोधित करेंगे.
इसके तहत अगले चार सालों में गांवों के विकास पर 7255 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे. इनमें लगभग 4500 करोड़ रुपए केंद्र और लगभग 2700 करोड़ राज्य सरकार देगी. योजना का उद्देश्य ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना है.
पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की मुख्य विशेषताएं
- योजना के नए स्वरूप के तहत ग्राम पंचायतों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाएगा. साथ ही ग्राम पंचायत के काम-काज में पारदर्शिता लाने पर भी जोर रहेगा.
- सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना के क्रियान्वयन और निगरानी गतिविधयों को सामान्य रूप से आपस में जोड़ा जाएगा और मुख्य बल मिशन अंत्योदय के अंतर्गत चिन्हित पंचायतों और नीति आयोग द्वारा चिंन्हित 115 आकांक्षी जिलों पर होगा.
- इस योजना का विस्तार देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा.
- योजना में उन क्षेत्रों के ग्रामीण स्थानीय शासन के संस्थानों को भी शामिल किया जाएगा जहां पंचायतें नहीं हैं.
- पंचायतों द्वारा की गई प्रगति की क्षेत्रीय स्तर पर सूचना एवं निगरानी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन ‘एक्शनसाफ्ट’ विकसित किया गया है.
- इसके साथ ही एक नये पुरस्कार ‘ ग्राम पंचायत विकास योजना ’ की इस वर्ष शुरूआत की गई है. यह देशभर में सर्वश्रेष्ठ योजना बनाने के लिए तीन ग्राम पंचायतों को प्रदान किया जाएगा.
पृष्ठभूमि
वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में सतत विकास लक्ष्यों पर कार्य करने के लिए पंचायती राज संस्थानों की शासन क्षमता विकिसत करने के लिए पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना की घोषणा की थी. मंत्रालय की वर्तमान योजना को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के रूप में नया रूप देने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी.
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