केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में ऐसे 50 हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों के पुनरोद्धार करने का फैसला किया है जिनसे अभी कोई उड़ान संचालित नहीं हो रही है. इस योजना के अनुसार सरकार छोटे शहरों और कस्बों तक हवाई संपर्क बढ़ाने पर विचार कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्तिथि में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
ये हवाई अड्डे और हवाई पट्टियां राज्य सरकार तथा भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के अधीन है. पुनरुद्धार का कार्य 4500 करोड़ रुपए की लागत से वित्त वर्ष 2017-18 से तीन वित्त वर्षों के दौरान पूरा किया जायेगा.
पहले दो वर्ष के दौरान 15-15 हवाईअड्डों और हवाई पट्टियों का तथा वर्ष 2019-20 के दौरान 20 हवाई अड्डों एवं हवाई पट्टियों का पुनरुद्धार किया जायेगा.
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक इन हवाईअड्डो पर उड़ाने शुरू होने से छोटे शहरों को हवाई सेवा से जुड़ जायेंगे. इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
हवाई अड्डों एवं हवाई पट्टियों के पुनरुद्धार की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 के आम बजट में की थी. इस योजना के साथ-साथ सरकार छोटे शहरों तथा कस्बों में हवाई सेवाएं बढ़ाने की कोशिश कर रही है.
हवाई अड्डों एवं हवाई पट्टियों का पुनरुद्धार उनकी मांग के आधार पर किया जायेगा. योजना के तहत राज्य सरकार और एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया के बंद पड़े और कम इस्तेमाल होने वाले हवाई अड्डों तथा हवाई पट्टियों का पुनरुद्धार किया जायेगा.
हवाई सेवाएं शुरू होने से इन शहरों तथा आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज होगी और रोजगार पैदा होंगे.
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