कैंसर की रोकथाम के लिए बनी दवाइयों का उपयोग उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है. इसका पता एक नए अध्ययन से चला है.
अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन रक्तचाप के इलाज की दिशा में एक नया कदम है. बाजार में उच्च रक्तचाप के लिए कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं लेकिन ये दवाइयां अलग-अलग तरीके से काम करती है जिसकी वजह से यह सभी मरीजों के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
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हाइपरटेंशन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में रक्त वाहिका की वृद्धि के लिए जिम्मेदार फ्राइब्रोब्लास्ट वृद्धि कारक या एफजीएफ का पता लगाया गया है, जिससे कैंसर का विकास होता है और यह रक्तचाप पर भी प्रभाव डालता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि जिस तरह कैंसर रोग विशेषज्ञ कैंसर को नियंत्रण में करने के लिए एफजीएफ निरोधी का इस्तेमाल करते हैं उसी तरह चिकित्सक एफजीएफ का इस्तेमाल रक्तचाप को नियंत्रित करने और हाइपरटेंशन से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिये भी कर सकते हैं.
उच्च रक्तचाप:
हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है. हाइपरटेंशन प्राथमिक (मूलभूत) उच्च रक्तचाप तथा द्वितीयक उच्च रक्तचाप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. उच्च रक्तचाप के लिए इलाज का पहला प्रकार अनुमोदित बचाव जीवन शैली परिवर्तनों के समान ही हैं. इनमें आहार संबंधी परिवर्तन, शारीरिक व्यायाम तथा वज़न में कमीं शामिल हैं.
स्रोत (पीटीआई)
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