केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा इस वर्ष 10वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों के लिए राहत की घोषणा की गयी है. सीबीएसई द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 10वीं बोर्ड पास करने के लिए अर्जित किये जाने वाले कुल अंकों में बदलाव किया गया है.
सीबीएसई के नए नियम के तहत अब छात्रों को कुल मिलाकर 33% मार्क्स लाने होंगे और सबसे खास बात है कि इनमें इंटरनल असेसमेंट मार्क्स भी जोड़े जायेंगे. यह नियम 2017-18 के बैच के छात्रों के लिए लागू होगा.
सीबीएसई द्वारा जारी नये नियम
• इंटरनल असेसमेंट के 20 और बोर्ड एग्जामिनेशन के 80 नंबर के हिसाब से कुल 100 अंकों की परीक्षा होगी.
• यही नियम उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके पास नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशंस फ्रेमवर्क स्कीम के तहत परीक्षा दे रहे हैं.
• इनमें पांच बड़े विषय अर्थात् हिंदी, इंग्लिश, साइंस, मैथ्स और सोशल साइंस शामिल हैं.
• वहीं वोकेशनल विषय के लिए इंटरनल एससमेंट के 50 नंबर आंके जाएंगे.
• यदि किसी छात्र ने पांच मुख्य विषयों के अतिरिक्त कोई एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर छठा या सातवां विषय लिया है तो उसमें भी यही व्यवस्था रहेगी.
पृष्ठभूमि
सत्र 2017-18 में हो रही दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हो रही हैं और 8 साल बाद इन परीक्षाओं को एक बार फिर अनिवार्य किया गया है. सीबीएसई ने पहले कॉम्प्रिहेंसिव और कॉन्टीन्युअस इवेलुएशन (सीसीई) स्कम के साथ बोर्ड परीक्षाओं को वैकल्पिक कर दिया था. सीसीई सिस्टम को 2017 में बोर्ड ने वापस ले लिया था और दसवीं को बोर्ड एग्जाम को अनिवार्य कर दिया गया.
सीबीएसई के बारे में
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है. यह पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिये पाठ्यक्रम तैयार करता है एवं वर्ष में दो मुख्य परीक्षाएं संचालित करता है - 10वीं कक्षा के लिये अखिल भारतीय सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा (AISSE) एवं 12वीं कक्षा के लिये अखिल भारतीय सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (AISSCE) जिसे बोर्ड परीक्षाओं के नाम से भी जाना जाता है. सीबीएसई की स्थापना वर्ष 1952 में की गयी थी.
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