केंद्र सरकार ने बूचड़खानों हेतु मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई

May 27, 2017, 16:04 IST

केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई कर दिय़ा है. नोटिफ़िकेशन का उद्देश्य मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद- बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के खिलाफ क्रूरता रोकना है.

केंद्र सरकार ने 27 मई 2017 देश में गो रक्षा हेतु बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की कि बूचड़खानों हेतु मवेशियों की खरीद-बिक्रीनही की जा सकती. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार देश के अंदर किसी भी पशु बाजार में कत्लखानों के लिए मवेशियों की खरीद या बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मवेशी की धार्मिक उद्देश्य से बलि भी प्रतिबंधित कर दी गई है.

प्रमुख तथ्य-

  • केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई कर दिय़ा है.
  • नोटिफ़िकेशन का उद्देश्य मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद- बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के खिलाफ क्रूरता रोकना है.
  • नोटिफ़िकेशन के बाद नियमों के मुताबिक मवेशी को बाजार में खरीदने या बेचने लाने वाले को ये सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी को बाजार में कत्ल के मकसद से खरीदने या बेचने के लिए नहीं लाया गया है.
  • इसके लिए खरीदने और बेचने वाले दोनों को एनिमल मार्केट कमिटी के मेंबर सेक्रेटरी को एक अंडरटेकिंग देना पड़ेगा.
  • बिना राज्य मवेशी संरक्षण कानून की मंजूरी के खरीदार मवेशी को राज्य के बाहर भी नहीं बेच सकेगा.
  • पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार गाय, सांड़, भैंस, बैल, बछड़े, ऊंट जैसे जानवर इस श्रेणी में आते हैं.
  • ये नियम बाजार के लिए हैं और मवेशियों की व्यक्तिगत तौर पर खरीद- बिक्री को इसमें स्पष्ट नहीं किया गया है.
  • बूचड़खानों के लिए 50 से 60 फीसदी जानवर इन्ही मवेशी बाजारों से आते हैं.

बाजार की परिभाषा-

  • नोटिफ़िकेशन में बाजार की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए बताया गया कि जहां अलग-अलग जगहों से जानवर बेचने या नीलामी के लिए लाए जाते हैं. जिला स्तर पर एक डिस्ट्र‍िक्ट एनिमल मार्केट मॉनिटरिंग कमिटी बनेगी.
  • इसके अलावा स्थानीय स्तर पर एनिमल मार्केट कमेटी बनाई जाएगी.
  • नोटिफ़िकेशन में साफ़-साफ़ कहा गया है कि खरीदने वाले को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि वो मवेशी को खेती के उद्देश्य से ले जा रहा है.
  • खरीदार को यह घोषणापत्र देना होगा कि वह 6 महीने तक मवेशी को नहीं बेचेगा.

पशुओं के सींगों पर सजावटी सामान प्रतिबंधित-

  • पर्यावरण मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार मवेशियों के सींगों को रंगने, सजावटी सामान लगाने, बैलों के कान काटने, घोड़ों को कम उम्र का दिखाने के लिए की जाने वाली क्रूरता जैसी चीजों पर बैन लगा दिया है.
  • यह नियम केवल एनिमल मार्केट के मवेशियों और केस की प्रॉपर्टी के तौर पर सीज किए गए मवेशियों पर लागू होंगे.
  • यह नियम दूसरे एरिया को कवर नहीं करेंगे.

CA eBook

जहां गोहत्या पर बैन नहीं-
देश के अनेक र्काज्य केरल, वेस्ट बंगाल, अरुणाचल, मिजोरम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में गोहत्या पर बैन नहीं है.
राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में गोहत्या पर प्रतिबंध है.

राज्य बॉर्डर से 25 किमी की दूरी पर नहीं होगा पशु बाजार-
पर्यावरण मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार किसी भी राज्य की सीमा से 25 किलोमीटर और इंटरनेशनल बॉर्डर से 50 किलोमीटर की दूरी पर पशु बाजार नहीं होगा.
मवेशियों को जमीन से उठाने, घसीटने पर प्रतिबंध-

 

  • मवेशियों को जमीन से उठाने (मुर्गे की तौल को छोड़कर), जमीन पर घसीटने, सख्त जमीन पर बगैर पैडिंग या दूसरे इंतजाम के बैठाने, मुंह बांधने जैसी चीजों पर रोक लगा दी गई है.
  • इसके साथ ही मवेशी को किसी अननैचुरल एक्ट जैसे नाचने पर मजबूर नहीं किया जा सकता है.
  • एनिमल मार्केट कमेटी का सेक्रेटरी ये निश्चित करेगा कि बाजार में कोई कम उम्र मवेशी न लाया जाए.

मवेशी मालिक का डिक्लेरेशन-

  • कोई भी वयक्ति तब तक मवेशी को मार्केट में नहीं ला सकता, जब तक पशु का मालिक लिखकर डिक्लेरेशन न दे दे.
  • डिक्लेरेशन पर मालिक के साइन, नाम, एड्रेस के साथ फोटो आईडी की कॉपी भी रहनी चाहिए.
  • ये भी डिक्लेरेशन देना होगा कि मवेशी को मारने की नीयत से मार्केट में बेचा या खरीदा नहीं जा रहा है.
  • कमेटी को 6 महीने तक डिक्लेरेशन का रिकॉर्ड रखन होगा.
  • किसी भी धार्मिक बलि के लिए मवेशी को नहीं खरीदेगा और बिना परमिशन के राज्य के बाहर उस मवेशी को नहीं बेच सकेगा.

बिक्री के सबूत की 5 कॉपियां होंगी

  • मार्केट से मवेशी को ले जाने से पहले प्रूफ ऑफ सेल की 5 कॉपियां बनानी होंगी.
  • पहली कॉपी खरीदार के पास रहेगी, दूसरी बेचने वाले के पास, तीसरी खरीदार के तहसील ऑफिस में, पांचवीं चीफ वेटेनरी ऑफिसर और आखिरी कॉपी एनिमल मार्केट कमेटी के रिकॉर्ड में रखी जाएगी.

मार्केट रजिस्टर होंगे-

  • लोकल एडमिनिस्ट्रेशन 3 महीने के अंदर यह निर्धारित करेगा कि पहले से चल रहे एनिमल मार्केट्स की लिस्ट बनाई जाए और कमेटी में उनका रजिस्ट्रेशन किया जाए.
  • डिस्ट्रिक्ट मार्केट मॉनीटरिंग कमेटी ये निश्चित करेगी कि एनिमल मार्केट में पर्याप्त जगह, छाया, खाने-पानी की व्यस्था, वाटर टैंक, रोशनी, गाड़ियों के लिए रैम्प और बीमार मवेशियों के लिए अलग जगह हो.

टिप्पणी-
रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में हर साल 1 लाख करोड़ रुपए का मीट कारोबार होता है. 2016-17 में 26 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मीट एक्सपोर्ट भी हुआ.

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News