केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु मॉड्यूल एवं दिशा-निर्देशों के साथ एक पुस्तिका राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), पंचायती राज मंत्रालय और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई.
सर्व प्रथम इस कार्यक्रम का शुभारंभ उन 14 राज्यों (आंध्र प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश) में किया जायेगा जहां कार्यरत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगों (एससीपीसीआर) का कामकाज अच्छा पाया गया है.
गांवों के स्तर पर बाल अधिकारों के संरक्षण में पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं हेतु यह दिशा-निर्देश उपयोगी साबित होंगे. पुस्तिका केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय में सचिव जितेन्द्र शंकर माथुर ने जारी की.
केन्द्रीय सचिव जितेन्द्र शंकर माथुर के अनुसार जब तक समुदायों को इस मुहिम में शामिल नहीं किया जायेगा तब तक गांवों के स्तर पर बच्चों के जीवन में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करना एक कठिन चुनौती है. त्वरित परिणाम हासिल करने हेतु एनसीपीसीआर और यूनिसेफ की पहल को पूरे उत्साह के साथ अपनाया जाना चाहिए.
एनसीपीसीआर की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ के अनुसार बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में बच्चे सदैव सुरक्षित नहीं रहते. अत: इस मुहिम में ग्राम पंचायतों को शामिल करने से सुरक्षित एवं संरक्षित बचपन सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी.
एनसीपीसीआर की सदस्य रूपा कपूर के अनुसार बच्चों को ऐसा प्रतीत होता है कि शहरों में कहीं ज्यादा सुख-सुविधा एवं बेहतर अवसर उपलब्ध हैं. समुदाय की भागीदारी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गांवों में ही रहने के लिए प्रेरित करना है.
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