केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने का आग्रह किया है. कोरोना महामारी के दौरान अब ब्लैक फंगस चिंता का कारण बन गया है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस के लिए अलर्ट किया है. वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु इस ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इसकी जांच, निदान और प्रबंधन पर स्वास्थ्य मंत्रालय व आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा.
इन राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले
कर्नाटक, उत्तराखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. म्यूकोर्मिकोसिस, जो मुख्य रूप से कोविड-19 से उबरने वाले लोगों को प्रभावित कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस संक्रमण से कोविड-19 के रोगियों में मौतों की संख्या बढ़ी है.
States are advised to declare #Mucormycosis a notifiable disease under Epidemic Diseases Act 1897.
— Ashwini Kr. Choubey (@AshwiniKChoubey) May 20, 2021
All Government and private health facilities, medical colleges shall follow guidelines for screening, diagnosis & management of mucormycosis. pic.twitter.com/Bk925WCZDX
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है कि फंगस संक्रमण का परिणाम कोविड रोगियों में दीर्घकालिक रुग्णता और मौतों की संख्या में वृद्धि के रूप में सामने आ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के उपचार के लिए विभिन्न नज़रियों पर गौर किये जाने की ज़रूरत है जिसमें आँखों के सर्जन, कान-नाक-गला विभाग के विशेषज्ञों, सामान्य सर्जन और अन्य का दृष्टिकोण शामिल हो.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
Union Health Ministry urged States to make mucormycosis a notifiable disease under the Epidemic Diseases Act 1897
— ANI (@ANI) May 20, 2021
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सभी सरकारी, प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल कॉलेजों को म्यूकरमाइकोसिस की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, और मैनेजमेंट के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा. मंत्रालय ने कहा है कि ये सभी संस्थान सभी पुष्ट और संभावित केसों की जानकारी जिला स्तर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जरिए चिकित्सा विभाग को देंगे.
महामारी कब घोषित होती है
विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के मुताबिक जब कोई बीमारी संक्रमण के जरिये बड़ी संख्या को प्रभावित करती है और फिर इसका प्रकोप सामान्य की अपेक्षा अधिक होता है तो इसे महामारी घोषित कर दिया जाता है. किसी बीमारी के महामारी होने की घोषणा उसके कारण होने वाली मौतों और पीड़ितों की संख्या पर भी निर्भर करती है.
ब्लैक फंगस: एक नजर में
ब्लैक फंगस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है. ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं. यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ऩे की क्षमता कम करती हैं.
ये फंगस साइनस, दिमाग़ और फेफड़ों को प्रभावित करती है और डायबिटीज़ के मरीज़ों या बेहद कमज़ोर इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) वाले लोगों जैसे कैंसर या एचआईवी/एड्स के मरीज़ों में ये जानलेवा भी हो सकती है. म्यूकरमाइकोसिस में मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक हो सकती है.
ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस में तकलीफ, साफ-साफ दिखाई नहीं देना, उल्टी में खून आना या मानसिक स्थिति में बदलाव ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं.
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