केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के चीफ का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने 14 नवंबर 2021 प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक आगे बढ़ाने का अध्यादेश जारी किया है. मौजूदा समय में केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का कार्यकाल दो साल का होता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार इसे बदलने के लिए संसद में एक कानून पेश करने की उम्मीद है. अब तक दोनों जांच एजेंसियों के निदेशकों को दो साल की निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया जाता रहा है. फिलहाल ED का नेतृत्व वर्तमान में आईआरएस संजय कुमार मिश्रा कर रहे हैं, जबकि आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल मौजूदा सीबीआई प्रमुख हैं.
The Government of India brings Ordinance to extend the tenure of Enforcement Directorate (ED) and Central Bureau of Investigation (CBI) Directors up to 5 years. pic.twitter.com/r6NZ8cLyJS
— ANI (@ANI) November 14, 2021
अध्यादेश को मंजूरी
केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. नए अध्यादेश के अनुसार, सीबीआई और ईडी चीफ की नियुक्ति पहले 2 साल के लिए की जाएगी. इसके बाद तीन साल का (1+1+1) करके एक्सटेंशन दिया जाएगा. एक-एक साल के लिए तीन एक्सटेंशन दिए जा सकते हैं. लेकिन यह कुल 5 साल से अधिक नहीं होना चाहिए.
1985 बैच के IPS अधिकारी है सुबोध कुमार
बता दें कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआइ वर्तमान में 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल के नेतृत्व में है, जिन्हें मई 2021 में दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था. ईडी का नेतृत्व आइआरएस अधिकारी संजय कुमार मिश्रा कर रहे हैं, जिन्हें नवंबर 2018 में इस पद पर नियुक्त किया गया था.
एक साल का सेवा विस्तार
केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2020 में सुबोध कुमार जायसवाल के कार्यकाल को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था. संजय कुमार मिश्रा का दो साल का कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया था, लेकिन उनके कार्यकाल का एक साल का विस्तार दिया गया था.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि साल 1997 से पहले सीबीआइ के निदेशकों का कार्यकाल तय नहीं होता था और सरकार उन्हें किसी भी तरह से हटा सकती थी. हालांकि, विनीत नारायण के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक के लिए कम से कम दो साल का कार्यकाल तय किया ताकि अधिकारी को स्वतंत्रता के साथ काम करने की अनुमति मिल सके.
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