केंद्र सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. इसके साथ ही सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस संगठन को पहली बार प्रतिबंधित किया गया है.
इससे पहले बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे संगठन ही प्रतिबंधित किए गए हैं. पंजाब में इस संगठन ने आम लोगों व पुलिस कर्मियों की हत्या और आतंकी गतिविधियों को चलाने को फिरौती के लिए अपहरण जैसी घटनाओं को अंजाम दिया.
फैसला क्यों लिया गया:
यह फैसला, इस संगठन के, भारत में रिहायशी इलाकों में कई बार बमबारी करने और निर्दोष लोगों तथा पुलिस अधिकारियों की हत्या में शामिल होने के कारण लिया गया है
मुख्य तथ्य:
• गृह मंत्रालय ने पंजाब में पिछले कुछ सालों में हुई आतंकी घटनाओं की जांच के बाद केएलएफ को उसमें शामिल होने को देखते हुए प्रतिबंधित किया है.
• केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 के तहत एक आतंकी संगठन घोषित किया है.
• खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) गैरकानूनी गतिविधियां प्रतिबन्ध कानून (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया जाने वाला 40 वां संगठन है.
यह संगठन 1986 में पंजाब को हिंसा के जरिए अलग राष्ट्र खालिस्तान बनाने के इरादे से बना था. अमेरिका समेत कई देशों में पिछले कई सालों से खालिस्तान आंदोलन चलता रहा है. इस संगठन का मकसद था कि किसी भी तरह से पंजाब को भारत से अलग करा लिया जाए.
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