विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने अंग्रेजी ब्रेल में ‘एटलस फॉर विजुअली इम्पेयर्ड (इंडिया)’ का विशेष संस्करण जारी किया. इस ब्रेल एटलस को विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के अधीन राष्ट्रीय एटलस एवं थिमैटिक मानचित्रण संगठन (एनएटीएमओ) ने तैयार किया.
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन के अनुसार दृष्टिबाधित छात्रों की शिक्षा हेतु देशभर के विभिन्न स्कूलों में इन मानचित्रों को वितरित किया जाएगा.
एटलस फॉर विजुअली इम्पेयर्ड के बारे में-
- ब्रेल एटलस में मानचित्रों की रेखाओं को उभारा गया है और ऐसे संकेत दिये गए हैं जिनका स्पर्श करके स्थान की जानकारी मिल सकती है.
- लगभग 20 मानचित्रों में भारत के भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों के अलावा नदियों, वनों, महानगरों, सड़कों, रेलवे, फसलों इत्यादि की जानकारी भी दी गई है.
- देशभर के विभिन्न स्कूलों में इन मानचित्रों को वितरित करने की जिम्मेवारी सभी सरकारी विभागों को सौपी गई है.
- 20 मानचित्रों वाले प्रत्येक एटलस की वर्तमान कीमत 600 रुपये निर्धारित की गयी है.
- इन एटलस को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के प्रयास भी किया जा रहे हैं.
- एटलस को 3 जनवरी, 2017 में तिरूपति में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत भी किया गया.
भारत में दृष्टिबाधित-
- भारत में 50 लाख से अधिक दृष्टिबाधित लोग रहते हैं.
- जिनमें ज्यादातर लोग कम आय वर्ग समूह के हैं.
- इनके लाभ के लिए एनएटीएमओ ने नक्शों के जरिये वैज्ञानिक सूचना प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया.
- अभी तक दृष्टिबाधितों के ज्ञान वर्धन हेतु पुस्तकें और अन्य साहित्य उपलब्ध हैं.
- एटलस के जारी होने के बाद दृष्टिबाधितों को भारत की भौगोलिक जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी.
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