केंद्र सरकार ने जैमर, नेटवर्क बूस्टर और रिपीटर्स के निजी इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. दूरसंचार विभाग और संचार मंत्रालय ने 01 जुलाई, 2022 को वायरलेस जैमर और बूस्टर/रिपीटर्स के निजी इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है.
आपको बता दें कि एडवाइजरी में कहा गया है कि केंद्र सरकार की इजाजत के बिना जैमर, जीपीएस ब्लॉकर या अन्य सिग्नल जैमिंग डिवाइस का इस्तेमाल अवैध है. निजी तौर पर इनकी खरीद-बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि भारत में सिग्नल जैमिंग उपकरणों का विज्ञापन, बिक्री, वितरण, आयात या किसी साइट पर बिक्री हेतु लिस्ट करना गैरकानूनी है. सिग्नल बूस्टर/रिपीटर के संबध में यह कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति/संस्था द्वारा मोबाइल सिग्नल रिपीटर/बूस्टर को रखना, बिक्री करना या उपयोग करना गैरकानूनी है.
दूरसंचार विभाग ने क्या कहा?
दूरसंचार विभाग ने कहा कि सेलुलर सिग्नल जैमर, GPS blocker या अन्य सिग्नल जाम करने वाले उपकरण आम तौर पर अवैध हैं. सरकार इसके उपयोग हेतु विशेष रूप से अनुमति देती है. लेकिन इन उपकरणों की खुली ऑनलाइन बिक्री से चिंतित, विभाग ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वायरलेस जैमर की बिक्री हेतु चेतावनी दे दी है.
भारत में जैमर की खरीद
दूरसंचार विभाग के मुताबिक निजी क्षेत्र के संगठन या व्यक्ति भारत में जैमर की खरीद और उपयोग नहीं कर सकते हैं.
मोबाइल सिग्नल बूस्टर क्या है?
मोबाइल सिग्नल बूस्टर / रिपीटर एक प्रकार का एम्पलीफायर है, जो स्पष्ट रूप से मोबाइल फोन सिग्नल रिसेप्शन को बेहतर बनाने हेतु उपयोग किया जाता है. हालांकि,मोबाइल फोन बूस्टर का अनधिकृत उपयोग विपरीत रूप से हस्तक्षेप कर सार्वजनिक दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज को खतरे में डालकर बाधित कर सकता है. बता दें सरकार के इस ठोस कदम उठाने के बाद इन उपकरणों का दुरूपयोग भी अब नहीं होगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation