केंद्र सरकार भारत में निजी दूरसंचार कारोबारियों को भविष्य के कार्यों के लिए चीनी टेलीकॉम गियर खरीदने से हतोत्साहित करने के लिए दूरसंचार उपकरण व्यवस्था (MTCTE) के अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन के उपयोग पर विचार कर रही है.
व्यवस्था के एक हिस्से के तौर पर, सरकार दूरसंचार सुरक्षा आश्वासन आवश्यकताओं के तहत सख्त नियमों को अंतिम रूप दे रही है. इन नियमों के तहत, टेलिकॉम गियर निर्माताओं को अपने सोर्स कोड साझा करने होंगे और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी लैब द्वारा अपने उपकरणों का परीक्षण करवाना होगा.
MTCTE सभी दूरसंचार उपकरण निर्माताओं - यूरोपीय, चीनी या कोरियाई पर लागू होगा. हालांकि, कोरियाई और यूरोपीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का सामना नहीं करना पड़ता है, इसलिए उन्हें MTCTE प्रक्रिया द्वारा रोके जाने की संभावना नहीं है.
MTCTE चीनी दूरसंचार उपकरण के उपयोग को कैसे प्रतिबंधित करेगा?
दूरसंचार सुरक्षा आश्वासन आवश्यकताओं के तहत सख्त नियमों के साथ, दूरसंचार गियर निर्माताओं को अपने उपकरणों का परीक्षण करवाने के साथ आवश्यक विवरण साझा करना होगा. नतीजतन, विक्रेताओं को दूरसंचार उपकरण आयात करने की अनुमति मिलने से पहले इस पूरी प्रक्रिया में 12-16 सप्ताह लगेंगे.
इस अनिवार्य परीक्षण की प्रक्रिया में बहुत समय लगेगा और कोई भी ऑपरेटर इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं करेगा, क्योंकि इसकी स्थापना में देरी होगी और अनिश्चितता बनी रहेगी.
ऐसा कदम उठाने का उद्देश्य क्या है?
सरकार द्वारा MTCTE के उपयोग पर विचार करने का कदम वैश्विक प्रेरणा का एक हिस्सा प्रतीत होता है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की अगुवाई में, चीनी टेलीकॉम गियर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह आरोप लगाया गया कि चीन के उपकरणों का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया गया है.
यूनाइटेड किंगडम और जापान सहित कई देशों ने चीनी विक्रेताओं जैसेकि, तकनीकी दिग्गज हुआवेई से 5G उपकरण न खरीदने का फैसला किया है.
भारत सरकार यह भी देख रही है कि क्या मूल देश के प्रतिबंधों पर स्पेक्ट्रम के पट्टे को सशर्त बनाया जा सकता है?. दूरसंचार विभाग में पूर्व सलाहकार, आरके भटनागर ने यह बताया है कि, भारतीय टेलीग्राफ संशोधन नियमों के माध्यम से अनिवार्य और सुरक्षा परीक्षण को पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है और सुरक्षा पर मौजूदा एकीकृत लाइसेंसिंग शर्त हमेशा निजी कारोबारियों को नियंत्रित करने और चीनी उपकरणों को प्रतिबंधित करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.
इस प्रतिबंध का विरोध:
भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों ने सार्वजनिक रूप से और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के माध्यम से भी यह कहा है कि, उन पर चीनी गियर खरीदने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए.
इन ऑपरेटरों ने यह कहा है कि चीनी 5G तकनीक अपने प्रतिद्वंद्वियों से बहुत आगे है और इसके साथ-साथ अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है. कुछ ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के ऐसे नियमों की ओर भी ध्यान दिलाया है, जो इस तरह के भेदभाव की अनुमति नहीं देते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation