छत्तीसगढ़ सरकार ने पुशपालकों को लाभ पहुंचाने हेतु शुरू की गोधन न्याय योजना, जानें इसके बारे में सबकुछ

Jun 26, 2020, 14:17 IST

इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी. हरेली, जिसे हरियाली के नाम से भी जाना जाता है इसे छत्तीसगढ़ में प्रथम त्योहार के रुप में माना जाता है.

Chhattisgarh launches Godhan Nyay Yojana to buy cow dung from cattle owners in Hindi
Chhattisgarh launches Godhan Nyay Yojana to buy cow dung from cattle owners in Hindi

छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 जून 2020 को राज्य में गौ पालन को लाभप्रद बनाने, गोबर प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा के लिए 'गोधन न्याय योजना' शुरू करने का फैसला किया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालन को व्यावसायिक रूप से लाभदायक बनाने, मवेशियों द्वारा खुले में चराई को रोकने, सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को हल करने और पर्यावरण संरक्षण को रोकना है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 25 जून 2020 को एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने और इसे एक लाभदायक प्रथा बनाने के लिए योजना शुरू की जा रही है.

मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य में पशुपालकों के वित्तीय हितों की रक्षा करने के लिए गोधन न्याय योजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं. छत्तीसगढ़ में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने और खुले में चराई की रोकथाम के लिए सरकार ने यह योजना लाई है.

इस योजना की शुरूआत कब होगी

इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी. हरेली, जिसे हरियाली के नाम से भी जाना जाता है इसे छत्तीसगढ़ में प्रथम त्योहार के रुप में माना जाता है. सावन की अमावस को मनाया जाने वाला पर्व हरेली खेतिहर- समाज का पर्व है.

इस योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है.

गोबर खरीदने की दर निर्धारित होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी. उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी.

गोबर खरीदने की दर कौन तय करेगा?

दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है. इस समिति में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल शामिल किए गए हैं.

यह मंत्री मण्डलीय समिति राज्य में किसानों, पशुपालकों, गौ-शाला संचालकों एवं बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार आठ दिवस में गोबर क्रय का दर निर्धारित करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी से लेकर उसके वित्तीय प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय तक की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है.

रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

यह योजना राज्य में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और इसके दूरगामी परिणाम होंगे. इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों एवं बुद्धिजीवियों से राज्य में गोबर खरीदी के दर निर्धारण के संबंध में सुझाव देने का भी आग्रह किया.

यह योजना क्यों शुरू किया गया?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है. इससे पशुओं के साथ-साथ किसानों की फसलों का भी नुकसान होता है. शहरों में आवारा घूमने वाले मवेशियों से सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिससे जान-माल दोनों का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि गाय पालक दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं. यह स्थिति इस योजना के लागू होने के बाद से पूरी तरह बदल जाएगी.

आमदनी सृजित होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है. इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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