चीन ने अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट तिब्बत में मानवरहित स्वचालित मौसम अवलोकन केंद्र की स्थापना की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने क्षेत्रीय संघर्ष की स्थिति में देश की सेना, विमानों और मिसाइलों के संचालन में मौसम संबंधी मदद के लिए इस स्टेशन की स्थापना की है.
तिब्बत के शाननान परिक्षेत्र के अंतर्गत ल्हुंजे के युमई में इस केंद्र की स्थापना की गई है. क्षेत्रीय मौसम युद्ध के दौरान एयरक्राफ्ट्स की लैंडिंग और टेक-ऑफ और मिसाइल के लॉन्च के लिए काफी अहम माना जाता है. ऐसे में छोटे मौसम केंद्र काफी मददगार साबित हो सकते हैं.
मानवरहित मौसम अवलोकन केंद्र की विशेषताएं
• यह मौसम अवलोकन केंद्र सीमा के विकास, सैनिकों और नागरिकों में सामंजस्य स्थापित करने में मददगार साबित होगा.
• यह स्टेशन एयर टेंपरेचर, एयर प्रेशर, हवा की गति, दिशा, उमस और बारिश जैसी चीजों के बारे में जानकारी देने में सक्षम होगा.
• यह मौसम केंद्र युमई सीमा पर स्थित है इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह स्टेशन यातायात और संचार से जुड़े डेटा उपलब्ध कराने में भी मदद करेगा.
• इस स्टेशन से सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले हलचल पर भी नजर बनाए रखी जा सकेगी.
• इस मौसम अवलोकन केंद्र के निर्माण की शुरुआत 2018 में ही हुई थी और जून के महीने में यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गया.
प्रभाव |
केवल नौ घरों और 32 निवासियों वाला युमई चीन का जनसंख्या के लिहाज से सबसे छोटा शहर है. यह हिमालय की दक्षिणी तलहटी में स्थित है और हिंद महासागर की वजह से मौसम पर बहुत प्रभाव पड़ता है. माना जा रहा है कि दूसरे स्थानों से जोड़ने के लिए यमुई में पहली सड़क साल 2017 से बन रही है. जब यह सड़क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी तो यहां और भी मौसम अवलोकन केंद्रों की स्थापना की जाएगी. |
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