चीन ने 6 नवंबर, 2020 को दुनिया का पहला 6G प्रायोगिक उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. इस उपग्रह को 12 अन्य उपग्रहों के साथ एक ही रॉकेट में ऑर्बिट में लॉन्च किया गया.
इस 6G उपग्रह का वजन लगभग 70 किलोग्राम है और इसके सह-डेवलपर, यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ चाइना (यूएएसटीसी) के नाम पर है, जिसने चेंगदू गॉक्सिंग एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी और बीजिंग मिनोस्पेस टेक्नोलॉजी के साथ काम किया.
चीन ने जब से अपने अगली पीढ़ी के मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन का विकास करना शुरू किया, ठीक उसके एक वर्ष बाद यह विकास हुआ. चीन के इस अगली पीढ़ी के मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन के वर्ष 2030 में शुरू होने की उम्मीद है.
6G उपग्रह क्या है?
हालांकि यह 6G तकनीक अभी भी वास्तविकता से दूर है, चीनी इंजीनियरों के अनुसार, यह उपग्रह एक प्रकार की संचार तरंगों का परीक्षण करेगा जो वर्तमान स्ट्रीमिंग गति को 100 गुना तक बढ़ा सकती हैं.
मुख्य विशेषताएं
- 6G उपग्रह कई प्रयोग उपकरणों को ले जाएगा और अंतरिक्ष में टेराहर्ट्ज़ तरंगों की तकनीक का परीक्षण करेगा.
- ये टेराहर्ट्ज़ तरंगें उच्च-आवृत्ति विकिरण हैं, जो डाटा को एक सेकंड में 50 गीगाबिट्स की गति से यात्रा करने की सुविधा देती हैं. इससे मौजूदा स्पीड 100 गुना तेज हो जाएगी, जिसमें वायरलेस नेटवर्क 500 मेगाबाइट की टॉप स्पीड तक पहुंच जाएगा.
- यह 6G जमीन संचार के नेटवर्क के साथ उपग्रह संचार नेटवर्क को संयोजित करेगा.
- मौजूदा 5G की तुलना में यह 6G 100 गुना तेज होने की उम्मीद जताई जा रहा है और इसकी आवृत्ति का विस्तार बैंड 5G के मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम से टेराहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम तक किया जाएगा.
- इस 6G उपग्रह को उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से एक लॉन्ग मार्च -6 कैरियर रॉकेट द्वारा छोड़ा गया था.
- यह रॉकेट अपने साथ 10 अन्य वाणिज्यिक रिमोट सेंसिंग उपग्रह भी लेकर गया है जिन्हें न्यूसैट 9-18 के तौर पर जाना जाता है, जिन्हें अर्जेंटीना की कंपनी सैटलॉजिक द्वारा विकसित किया गया है.
महत्व
इस प्रायोगिक उपग्रह ने पहली बार यह स्पष्ट किया है कि, अंतरिक्ष में संचालित करने के बाद ही इस टेराहर्ट्ज़ संचार की तकनीक को सत्यापित किया जा सकेगा.
पृष्ठभूमि
चीन ने देश में 5G नेटवर्क उपलब्ध होने के कुछ ही दिनों बाद नवंबर, 2019 में 6G तकनीक का अनुसंधान और विकास कार्य करना शुरू कर दिया था.
चीनी प्रौद्योगिकी ब्यूरो ने संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों और निगमों के 37 दूरसंचार विशेषज्ञों के एक पैनल का गठन किया था. श्याओमी, हुआवेई, जेडटीई और चाइना टेलीकॉम सहित कई अन्य चीनी दूरसंचार कंपनियों ने भी 6G के लिएअपना शोध शुरू कर दिया है.
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