चीन के मानवरहित सबमर्सिबल ने हाल ही में महासागर के नीचे विश्व के सबसे गहरे बिंदु तक गोता लगाने का कीर्तिमान बनाया है. इस दौरान सबमर्सिबल ने गहरे महासागर से नमूने एकत्रित किए और भूगर्भीय वातावरण के उच्च गुणवत्ता वाले चित्र भी खींचे. मारियाना ट्रेंच एबिस में “हायदू-1” चार बार 10 हजार मीटर के नीचे गया, यहां तक कि 10,907 मीटर समुद्री गहराई तक पहुंच गया था.
यह जानकारी मीडिया में 09 जून 2020 को प्रकाशित एक खबर में सामने आई. सबमर्सिबल गहरे पानी में भीतर जा सकने वाली एक मशीन होती है जिसका इस्तेमाल प्रायः वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता है. चीन के सबमर्सिबल “हायदू-1” ने प्रशांत महासागर के भीतर स्थित विश्व के सबसे गहरे क्षेत्र ‘मारियाना ट्रेंच’ तक पहुंचने का कीर्तिमान बनाया है.
मुख्य बिंदु
• सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अभियान दल के सदस्य चीन की विज्ञान अकादमी से संबद्ध शेंगयांग इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन से जुड़े हैं.
• दल के सदस्यों ने बताया कि सबमर्सिबल समुद्र की सतह से 10,000 मीटर गहरे मरियाना ट्रेंच में स्थित चैलेंजर डीप में चार बार उतरा. वैज्ञानिकों का दल 23 अप्रैल 2020 को अभियान के लिए निकला था और 08 जून 2020 को वापस आया.
China’s unmanned submersible Haidou-1 has recreated the country's deep-sea diving record by submerging 10,907 meters under water in the Pacific Ocean’s #MarianaTrench. The team left on April 23 and returned to the NE Chinese province of Liaoning on Monday. pic.twitter.com/gCMYGOHyGl
— People's Daily, China (@PDChina) June 9, 2020
• गहरे समुद्र में अनुसंधान के दौरान शोधकर्ताओं ने सटीकता से गहराई मापने की जांच की, ध्वनि तरंगों के माध्यम से स्थिति का पता लगाने पर शोध किया और उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो प्रेषित करने का प्रयास किया.
• मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सबमर्सिबल ने गहरे समुद्र से नमूने एकत्रित किए और भूगर्भीय वातावरण के चित्रे खींचे.
• हाल के वर्षों में चीन ने गहरे समुद्र के प्रचुर संसाधनों पर अनुसंधान के लिए तकनीकी विकास पर ध्यान देना शुरू किया है.
पृष्ठभूमि
समुद्र तल से समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के खनन का पता लगाने के लिए चीन ने पिछले कुछ वर्षों में गहरे समुद्र में प्रौद्योगिकी विकसित करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाया है. चीन ने देश के बाहर हिंद महासागर में अपना पहला सैन्य अड्डा स्थापित करने का घोषणा किया था. चीन ने हिंद महासागर में अपनी पैठ पहले से ही मजबूत कर ली है. उसने संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध संस्था अंतरराष्ट्रीय सीबेड अथॉरिटी से 15 साल तक हिंद महासागर में पॉलीमेटेलिक सल्फाइड अयस्क खनन के लिए करार किया था.
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