नागरिकता (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित, जानें इस विधेयक के बारे में

Dec 10, 2019, 10:02 IST

इस बिल के मुताबिक, नागरिकता प्रदान करने से जुड़े नियमों में बदलाव होगा तथा अवैध प्रवासियों को बैगर दस्तावेज के नागरिकता मिलेगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है.

Citizenship Amendment Bill
Citizenship Amendment Bill

नागरिकता (संशोधन) विधेयक , 2019 आखिर 09 दिसंबर 2019 को  लोकसभा से पारित हो गया. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सदन में पेश इस विधेयक को 311-80 मतों के अंतर से पारित किया गया.   इस विधेयक पर 12 घंटे से भी अधिक समय तक बहस चली तथा आखिर इसे पारित किया गया. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 1950 के नेहरू लियाकत समझौते की गलती को सुधारने के लिए लाया गया है.

इस बिल के मुताबिक, नागरिकता प्रदान करने से जुड़े नियमों में बदलाव होगा तथा अवैध प्रवासियों को बैगर दस्तावेज के नागरिकता मिलेगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है.

अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश किया था. हालांकि, विपक्षी दलों के विरोध के चलते इसे पारित नहीं कराया जा सका. विपक्षी दलों ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था.

नागरिकता संशोधन विधेयक क्या है?

नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है. इसमें बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों हेतु नागरिकता के नियमों को आसान बनाना है. इस बिल संशोधन का मुख्य उद्देश्य चुनिंदा श्रेणियों में अवैध प्रवासियों को छूट देना है.

किसी व्यक्ति को वर्तमान समय में भारत की नागरिकता हासिल करने हेतु कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य है. इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल करना है. अर्थात इन तीनों देशों के छह धर्मों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.

यह भी पढ़ें:संसद ने एसपीजी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया

विधेयक को लेकर विवाद क्यों हो रहा है

विपक्षी दलों का सबसे बड़ा विरोध यह है कि इसमें मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है. उनका कहना यह है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो समानता के अधिकार की बात करता है.

अवैध प्रवासी कौन हैं?

नागरिकता कानून, 1955 के अनुसार, अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है. इस कानून के अंतर्गत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों.

यह भी पढ़ें:लोकसभा में कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित

यह भी पढ़ें:संसद ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध विधेयक-2019 पारित किया

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News