जलवायु परिवर्तन भारत में स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता: लैंसेट रिपोर्ट

Nov 15, 2019, 12:30 IST

जलवायु परिवर्तन से मुख्य रूप से बच्चों की सेहत के लिए बहुत ही गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. यह रिपोर्ट मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित की गई.

climate change
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भारत में आने वाले वक्त में जलवायु परिवर्तन के वजह से एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है. रिपोर्ट के द्वारा इस समस्या से कुपोषण जैसे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लैंसेट रिपोर्ट के अनुसार इस वजह से साथ ही हैजा और उसके कारण होने वाला संक्रमण बढ़ सकता है. जलवायु परिवर्तन से मुख्य रूप से बच्चों की स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गंभीर संकट पैदा हो सकता है. यह रिपोर्ट मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित की गई.

मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, उत्सर्जन को सीमित करने में नाकामी का परिणाम संक्रामक बीमारियों के रूप में सामने आयेगा. इससे वायु प्रदूषण की हालत गंभीर होती जायेगी और तापमान बढ़ेगा तथा कुपोषण की समस्या भी गंभीर होगी.

कोयला एवं गैस जैसे जीवाश्म ईधन के जलने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इससे पीएम 2.5 नामक वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है. यह हृदय तथा फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. पीएम 2.5 के वजह से जन्म के समय शिशु के कम वजन के साथ ही साथ अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं से भी होता है.

2016 में विश्वभर में 70 लाख लोगों की मौत

रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में उत्सर्जन पर अंकुश लगाए जाने के बाद भी वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका बनी रहेगी. वायु प्रदूषण के वजह से अकेले साल 2016 में विश्वभर में 70 लाख लोगों की मौत हुई थी.

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चार डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ जाएगा

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में यदि कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो साल 2090 तक हमारी धरती का तापमान 04 डिग्री सेल्सियस बढ़ जायेगा. इसका अर्थ यह हुआ कि 2090 में 04 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गरमी का सामना करना पड़ सकता है. वैश्विक जीवन प्रत्याशा इस समय 71 वर्ष है.

तापमान बढ़ने से जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण पेड़-पौधे सूख रहे हैं. जीवाश्म ईधन के जलने से स्मॉग का स्वास्थ्य पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रह रहा है. इससे फसलों की पैदावार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.

बच्चों पर पहली बार अध्ययन किया

लैंसेट जर्नल के रिपोर्ट के अनुसार, यह तीसरा मौका है जब लैंसेट ने स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को आंका है  तथा बच्चों की सेहत पर पहली बार अध्ययन किया है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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