पर्यावरण हितैषी कार्यक्रम चलाने वाली संस्था ग्रीनपीस द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण पर एक हालिया रिपोर्ट जारी की गई है. ग्रीनपीस के अनुसार सॉफ्टड्रिंक बनाने वाली कम्पनियां जैसे कोका कोला, पेप्सिको और नेस्ले विश्व भर में सबसे अधिक प्लास्टिक कचरा फैलाती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने वाली कम्पनियां हैं - कोको कोला, परफेट्टी तथा मोंड्लेज़ आदि. यह कम्पनियां पूरे एशियाई क्षेत्र में होने वाले प्लास्टिक प्रदूषण का 30 प्रतिशत प्रदूषण अकेले ही फैलाती हैं.
ग्रीनपीस का अभियान |
ग्रीनपीस द्वारा जारी जानकारी में कहा गया है कि दुनिया के 42 देशों में उन्होंने प्लास्टिक खत्म करने के 239 अभियान चलाए हैं जिसे ब्रेकफ्री फ्रॉम प्लास्टिक नाम दिया गया है. इसीलिए इस सफाई अभियान से उनके पास प्लास्टिक के कचरे के 1,87,000 टुकड़े जमा हो गए हैं. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना था कि बड़ी कंपनियां प्रदूषण फैलाने में किस हद तक योगदान कर रही हैं. |
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• रिपोर्ट में पाया गया कि विश्व की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी कोका कोला सबसे बड़ी कचरा उत्पादक कंपनी है.
• रिपोर्ट में डेनोन, मोंडेलेज, प्रॉक्टर एंड गैंबल और यूनिलीवर के भी नाम हैं.
• ब्रेकफ्री फ्रॉम प्लास्टिक अभियान के वैश्विक संयोजक वोन हरनांडेज ने बताया कि कोक ब्रांड का प्लास्टिक कचरा 42 में से 40 देशों में पाया गया है.
• इन ब्रांडों का लेखा-जोखा देखने के बाद पता चला कि कॉरपोरेट क्षेत्र प्लास्टिक का प्रदूषण फैलाने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है.
• कचरे में सबसे ज्यादा पॉलीस्टाइरीन किस्म का प्लास्टिक मिला, इसका इस्तेमाल पैकेजिंग और कॉफी कप बनाने में होता है.
• दूसरे नंबर पर पीईटी बॉटल और कंटेनर थे. इसके बाद कोक कंपनी के प्रवक्ता ने बयान जारी करके कहा कि महासागरों के कचरे को खत्म करने का ग्रीनपीस ने जो लक्ष्य तय कर रखा है, उसे पूरा करने में कोक कंपनी मददगार बनेगी.
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