चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पांच साल के दूसरे कार्यकाल को मंजूरी प्रदान की है. साथ ही ऐसे अनेक नेताओं को नियुक्त किया जिन्हें शी जिनपिंग का समर्थन प्राप्त है.
64 वर्षीय शी जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल को पार्टी ने सप्ताह भर चले कांग्रेस के सम्मेलन के समापन पर मंजूरी दी. कांग्रेस का यह सम्मेलन पांच साल में एक बार आयोजित किया जाता है.
इस सम्मेलन में 2,350 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यह सम्मेलन ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में आयोजित किया गया. जिसे चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व का सत्ता केंद्र समझा जाता है.
मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन पैदा करने हेतु अनुकूल स्थितियां : शोध
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पदक्रम में शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग (62) पहले और दूसरे नंबर पर हैं. दोनों ही पांच- पांच साल के दो कार्यकाल के आधार पर शीर्ष नेतृत्व पर बने रहेंगे. देश पर शासन करने वाली पार्टी की सात सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी हेतु पांच नए सदस्य चुने जाएंगे.
शी जिनपिंग और ली क्विंग ने वर्ष 2012 में सत्ता संभाली थी और दोनों नेता 2022 तक सत्ता में बने रहेंगे. शी स्टैंडिंग कमिटी में अपने कुछ करीबी सहयोगियों को शामिल करने के साथ ही प्रभावशाली बने रह सकते हैं.
वर्तमान में शी जिनपिंग चीन के सबसे शक्तिशाली नेता हैं. वह राष्ट्रपति होने के साथ-साथ पार्टी और सेना के भी प्रमुख हैं. अनुमान के अनुसार शी वर्ष 2022 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त होंगे.
विस्तृत current affairs हेतु यहाँ क्लिक करें
शी के लिए संविधान में संशोधन-
कम्युनिस्ट पार्टी ने 24 अक्टूबर 2017 को अपने संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दे दी. इसके तहत सीधे तौर पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का नाम और उनके विचारों को संविधान में शामिल किया जाएगा. कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ त्से तुंग और उनके उत्तराधिकारी शियोपिंग ने भी ऐसा ही किया था. पूर्व चीनी नेता जिंताओ और जियांग जेमिन ने भी अपने विचारों को संविधान में शामिल किया था लेकिन उस समय उनके नाम उसमें शामिल नहीं किए गए.
कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों की संख्या सात रख सकती है. शी इन सदस्यों की संख्या घटा कर पांच रखने के पक्षधर हैं. खबरों के अनुसार सात सदस्यीय नई समिति पार्टी में विभिन्न गुटों के बीच अधिकारों का संतुलन बनाए रख सकती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation