केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 04 मार्च, 2021 को नई दिल्ली में वर्चुअल मोड के माध्यम से 'CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन' का शुभारंभ किया. उन्होंने देश भर के CSIR प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया कि वे प्रत्येक प्रयोगशाला में उपलब्ध भूमि को "CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन" के तहत एक मॉडल के तौर पर स्थापित करने के लिए तैयार करें.
भारत के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वयन के लिए इस CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन को अनुमोदित किया गया है.
CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन: प्रमुख विशेषताएं
CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) सहित कई अन्य निकायों - फ्लोरीकल्चर निदेशालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और विश्वविद्यालय, आदिवासी सहकारी विपणन विकास फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (TRIFED) (TRIFED), कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), खुशबू और स्वाद विकास केंद्र (FFDC) और खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के सहयोग से लागू किया जाएगा.
उद्देश्य
इस CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन का उद्देश्य वाणिज्यिक फूलों की फसलों, मौसमी/ वार्षिक फसलों पर ध्यान केंद्रित करना, मधुमक्खी पालन और जंगली आभूषणों के लिए फूलों की फसलों की खेती करना है.
फूलों की कुछ लोकप्रिय फसलों में मैरीगोल्ड, रोज़, कार्नेशन, क्राइसेंथेमम, ग्लेडियोलस, जरबेरा, कन्ना, लिलियम और ट्यूबरोज़ शामिल हैं.
महत्त्व
CSIR फ्लोरिकल्चर मिशन से फ्लोरीकल्चर में उद्यमिता विकास के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. इस मिशन के तहत, फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में CSIR नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा देगा.
इस लॉन्च इवेंट को संबोधित करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने यह कहा कि, "किसानों को फूलों की खेती के बारे में बहुत कम जानकारी है जोकि पारंपरिक फसलों की तुलना में 5 गुना अधिक रिटर्न दे सकते हैं."
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि, भारत में विविध कृषि-जलवायु और एडाफिक स्थिति/ मृदीय कारक और समृद्ध पौध विविधता है और इसके बावजूद, यह वैश्विक पुष्प कृषि बाजार का केवल 0.6% हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि, भारत विभिन्न देशों से हर साल कम से कम 1200 मिलियन अमरीकी डालर के पुष्प उत्पाद का आयात करता है.
CSIR का सोसाइटी पोर्टल

• डॉ. हर्षवर्धन ने CSIR के सोसाइटी पोर्टल और इसके एंड्राइड ऐप को भी लॉन्च किया.
• यह पोर्टल समाज में विभिन्न हितधारकों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करने में सहायता करेगा और उनके लिए वैज्ञानिक समाधान की तलाश करेगा.
• यह एक जन-केंद्रित समाधान विज्ञान पोर्टल होगा जो सभी के लिए सुलभ होगा.
पृष्ठभूमि
वर्ष, 2018 में भारतीय फूलों की खेती का बाजार 15,700 करोड़ रुपये का था और यह वर्ष, 2024 तक 47,200 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है.
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