दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश में वरदा नामक तूफ़ान ने भीषण तबाही मचाई. इस भीषण तूफान ने 12 दिसंबर 2016 को तटीय क्षेत्रों को प्रभावित किया जिसमें विशेष रूप से पुलिकत लेक के नजदीक के क्षेत्र शामिल हैं.
इस तूफ़ान से चेन्नई, आंध्र प्रदेश का नेल्लोर जिला तथा कर्णाटक का बेंगलुरु क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हुए.
वरदा तूफ़ान
• बंगाल की खाड़ी में 5 दिसंबर को वायु का दबाव कम देखा गया.
• यह तूफ़ान आगे चलकर चक्रवात में बदल गया लेकिन मैदानी इलाकों में आने पर यह कमजोर पड़ गया.
• चेन्नई में इसकी गति 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा थी.
• बेंगलुरु तक पहुँचते समय इसकी गति और भी धीमी हो गयी.
• इस तूफ़ान से क्षेत्र की संचार, बिजली, सड़क आदि व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा. निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति की भी हानि दर्ज की गयी.
• प्रभावित लोगों की सहायता हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की 15 टीमें गठित की गयीं.
• एनडीआरएफ का गठन 2006 में किया गया था ताकि देश में होने वाली किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से लोगों को राहत दी जा सके.
• तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेव्लन ने आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु 4 लाख रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की.
• दूसरी ओर सूखे की मार झेल रहे चेन्नई में 20 सेंटीमीटर तक हुई बारिश से लोगों को राहत प्राप्त हुई.
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