मणिपुर सरकार द्वारा मई 2017 के अंतिम सप्ताह में मणिपुर के डैलोंग गांव को जैव-विविधता विरासत स्थल घोषित किया.
इस संबंध में वन एवं पर्यावरण विभाग के संयुक्त सचिव केंगू ज़ुरिंगला द्वारा एक अधिसूचना जारी की गयी.
यह गांव 11.35 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इस स्थान को जैव-विविधता अधिनियम 2002 की धारा 37 (1) के तहत जैवविविधता विरासत स्थल घोषित किया गया. यह घोषणा मणिपुर बायोडाइवर्सिटी बोर्ड द्वारा सिफारिश किये जाने के बाद की गयी.
जैव-विविधता अधिनियम, 2002
• जैव-विविधता अधिनियम, 2002 भारत की जैव-विविधता के संरक्षण के लिए भारत की संसद द्वारा बनाया गया अधिनियम है.
• यह परंपरागत जैविक संसाधनों और जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाले फायदे के समान साझाकरण के लिए तंत्र प्रदान करता है.
• जैव-विविधता संरक्षण अधिनियम, 2002 भारत विश्व में जैव-विविधता के स्तर पर 12वें स्थान पर आता है.
• यदि अकेले भारत की बात करें तो यहां लगभग 45,000 पेड-पौधों व 81000 जानवरों की प्रजातियां पाई जाती है.
• यह सरकार को नीतिगत, संस्थागत तथा वित्तिय अधिकार प्रदान करता है. साथ ही यह सरकार को जैव विविधता की परम्परागत तकनीकों का सम्मान तथा उनका संरक्षण करने का दायित्व भी सौंपता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation