रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के लिए 11 हवाईअड्डा निगरानी रडारों की खरीद के लिए महिंद्रा टेलीफोनिक्स के साथ 03 जून 2021 को एक समझौता किया. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन रडारों को स्थापित करने से हवाई क्षेत्रों के आस-पास वायु क्षेत्र में सजगता बढ़ेगी और नौसेना व तटरक्षक बल की उड़ान परिचालनों में सुरक्षा व दक्षता में वृद्धि होगी.
ये 11 मोनोपल्स अतिरिक्त निगरानी रडार पारंपरिक रडारों की तुलना में ज्यादा सटीक हैं जब वायु क्षेत्र के किसी खास इलाके में कई विमान पास-पास हों. रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि 323.47 करोड़ रुपये की लागत से होने वाली यह खरीद 'खरीदें और बनाएं' श्रेणी के तहत की जाएगी.
Ministry of Defence (MoD) signs a contract for the procurement of 11 Airport Surveillance Radars with Monopulse Secondary Surveillance Radar for the Indian Navy and Indian Coast Guard. The procurement, at a cost of Rs 323.47 cr, will be made under the ‘Buy & Make’ category: MoD pic.twitter.com/LtavAo67uj
— ANI (@ANI) June 3, 2021
स्वदेश में उत्पादन किए जाने की योजना
उल्लेखनीय है कि रक्षा खरीद की 'खरीदें एवं बनाएं' श्रेणी के तहत, उपकरण की शुरुआती खरीद विदेशी कंपनी से की जा सकती है. इसके बाद भारतीय कंपनी के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से उस उपकरण का स्वदेश में उत्पादन किए जाने की योजना है. बता दें कि इसमें, 'निर्दिष्ट सीमा, गहराई और संभावना' के अनुरूप महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण शामिल होता है.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करना 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' तथा इस कार्यक्रम में अंतर्निहित उद्देश्यों की दिशा में सरकार की एक उपलब्धि है. इससे प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और स्वदेशी निर्माण के क्षेत्र में प्रगति होगी तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
उड़ान संचालन में सुरक्षा व दक्षता में वृद्धि
इन राडारों के लगाने से हवाई अड्डों के आसपास वायु क्षेत्र जागरूकता बढ़ेगी और भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक की उड़ान संचालन में सुरक्षा व दक्षता में वृद्धि होगी.
घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ दिन पहले अगली पीढ़ी के कार्वेट, हवाई अग्रिम चेतावनी प्रणाली, टैंक इंजन और रडार जैसे 108 सैन्य हथियारों और प्रणालियों के आयात पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दे दी थी. पिछले साल रक्षा आयात के लिए जारी पहली नकारात्मक सूची में 101 वस्तुएं शामिल थीं.
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