दिल्ली सरकार ने इस साल के अंत तक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक नई 10 वर्षीय कार्य योजना लागू करने की योजना बनाई है.
केंद्र सरकार ने वर्ष, 2009 में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) तैयार की थी और देश के सभी राज्यों से अपनी विशिष्ट योजना तैयार करने का अनुरोध किया था. दिल्ली वर्ष, 2019 में अपनी जलवायु कार्य योजना प्रस्तुत करने वाला अंतिम राज्य था.
हालांकि, पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कार्य-योजना काफी हद तक कागजों पर ही रही और इसे ठीक से लागू नहीं किया जा सका और यह योजना वर्ष, 2020 में समाप्त हो गई. दिल्ली अब एक नई कार्य योजना प्रस्तुत करेगी.
दिल्ली की पूर्व जलवायु कार्य योजना
दिल्ली सरकार की पिछली/ पूर्व योजना हरित आवरण, ऊर्जा, शहरी विकास, परिवहन सहित छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित थी. इस योजना ने ठंडे दिनों और रातों की संख्या में उल्लेखनीय कमी और दिल्ली में भारी वर्षा की घटनाओं में वृद्धि का अनुमान लगाया था.
दिल्ली की नई कार्ययोजना
दिल्ली की नई 10 वर्षीय जलवायु कार्य योजना उन गतिविधियों की पहचान करेगी जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि कर रही हैं और फिर, संबंधित विभागों की जिम्मेदारियां तय की जाएगी.
दिल्ली सरकार द्वारा इस नई कार्य योजना के लिए एक जर्मन एजेंसी को ज्ञान भागीदार के रूप में शामिल करने की संभावना है. दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने पर्यावरण मंत्रालय से योजना तैयार करने के लिए 20 लाख रुपये की राशि की मांग की है.
पिछले 10 वर्षों की चरम मौसमी घटनाओं का विश्लेषण कर व्यापक कार्य योजना तैयार की जा रही है.
मुख्य विशेषताएं
• यह कार्य योजना वायु प्रदूषण, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, एयर कंडीशनिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, परिवहन मुद्दों, गर्मी द्वीपों और कृषि पैटर्न से निपटने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी.
• यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि करने वाली गतिविधियों की पहचान करेगी और अगले 10 वर्षों के लिए ऐसे लक्ष्य निर्धारित करेगी जिन्हें निर्धारित अवधि के दौरान हासिल किया जा सके.
• इस योजना के संबंध में सभी परामर्श दो महीने के भीतर पूरे होने की उम्मीद है और इसे इस साल के अंत तक लागू किया जाएगा.
• राज्य के पर्यावरण विभाग ने पिछली योजना तैयार करते समय सभी हितधारकों के साथ परामर्श पूरा करने में आठ साल का समय लिया था.
पृष्ठभूमि
दिल्ली अगस्त, 2020 से हर महीने मौसम के रिकॉर्ड तोड़ रही है. सर्दियों के दौरान, दिल्ली ने वर्ष, 1901 के बाद से 30 दिसंबर, 2019 को अपना सबसे ठंडा दिन दर्ज किया था.
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