केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन-शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 05 जून 2017 को मणिपुर की राजधानी इंफाल में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ‘पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की घोषणा की.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम कम विकसित पहाड़ी क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से बनाया गया है और इसे प्रायोगिक आधार पर मणिपुर के पहाड़ी जिलों से प्रारंभ किया जाएगा.
हालांकि मणिपुर, त्रिपुरा और असम के पहाड़ी क्षेत्रों की विभिन्न पहचान है और ये क्षेत्र सामाजिक-आर्थिक विकास में पीछे छूट गए हैं.
विशेष परिस्थितिया होने के कारण पहाड़ी और घाटी वाले जिलों में आधारभूत ढांचा, सड़कों की गुणवत्ता, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि क्षेत्रों में बड़ा अंतर आ गया है. पहाड़ी विकास कार्यक्रम इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए और गंभीर अनुसंधान से प्रेरित है.
हालांकि मणिपुर के संबंध में मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले पहाड़ी क्षेत्रों का कम विकास हुआ है. पूर्वोत्तर राज्यों के 80 जिलों में से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र के तीन जिले संयुक्त जिला आधारभूत ढांचा सूचकांक में सबसे नीचे पैमाने पर हैं.
सरकार की नीति द्विस्तरीय है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के सभी क्षेत्रों, समाज के हर खंड और प्रत्येक जनजाति का समान विकास सुनिश्चित करने के साथ-साथ आठ पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत के अधिक विकसित राज्यों के समकक्ष लाना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation